`आत्मजा`

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* आत्मजा खंडकाव्य से अध्याय-७ कहते यों बह पड़ीं दृगों से, अविरल दो मोटी धाराएँ निकल पड़ी ज्यों तोड़ स्वयं ही, पलकों की तमसिल काराएँl तारों-सी हो चली शान्त वह, सागर-सी गम्भीर प्रभाती नीरव नभ-सी मूक,किन्तु थी, नहीं हृदय में पीर समाती। हँसने पर कर लिया नियंत्रण, मुस्कानों तक सीमा बाँधी आ … Read more

स्मृति

प्रभावती श.शाखापुरे दांडेली(कर्नाटक) ************************************************ काली अंधियारी रात में मेरा साया हँसा मुझ पर, हे मन बावरे काहे खोजे तू उसे जो तेरे साथ नहींl माना कि तेरे पास नहीं है, क्योंकि,वह तो बसी तेरी स्मृति में। मूँद ले अपनी पलकों को, पायेगा उसकी छवि देखेंगी निहार कर, अश्क बहेंगे प्रियतम के, भीगेगा तेरा मन क्योंकि,वह … Read more

छाया बसंत ️

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** छाया बसंत अब दिक् दिगंत, है सुरभित छवि बहु दिशि बसंत। फूटे हैं कोमल नवल अंग, तरु-पुष्प-लता लद गये वृंतll मधुरस फैला चहुँओर आज, है मधुर-शांत-निर्मल प्रवाह। मदमस्त मधुर-मन मुग्ध मंत्र, कर रहा सुभाषित जग अनंतll नीलांबर मधुमय आज हुआ, मार्तंड-रश्मि से तृप्त हुआ। नव-बाल-अरुणिमा लिये अर्क, सौंदर्य से धरा … Read more

जवानी

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* बहुत कुछ कर गुजरने को,मचलती भावनाएं जब, नहीं अन्याय सह पाती,रगों में वह रवानी है। न केवल उम्र से ही वास्ता होता है सब उसका, जवानी जगमगाती ज्योति की उज्ज्वल निशानी है॥ देश के दुश्मनों का जो,कलेजा चीर कर रख दे, लगाए जख्म में मरहम,हृदय की पीर जो हर ले। अनीति … Read more

हड़ताल और बीमार बेटा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** मन अनहोनी की शंका से, थर-थर-थर-थर कांप रहा है आधी रात हुई है बेटा, पल-पल देखो हाँफ रहा है। अस्पताल जाना है लेकिन, हड़ताल अभी तक जारी है लोगों की यह मारा-मारी, इसके जीवन पर भारी है। बंद रहेगी सड़क अगर तो, कैसे होगा काम बताएं अगर इलाज नहीं … Read more

चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ

डॉ.किशोर जॉन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************** चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ, ज़िन्दगी का साथ हो मुमकिन नहीं रोज़ मुलाक़ात हो मुनासिब भी नहीं, कुछ यू ही हो अफ़सानी बातें कुछ हँसी-कुछ मुस्कुराहटें। कुछ पुरानी,कुछ नई बातें, बस चलना है साथ-साथ किसी का साथ अच्छा लगता है, एक सुकून ठण्डा-सा एहसास पहली बरसात की बूंदों-सा, सुबह फूलों … Read more

खत मेरे इजहार के

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* नाच नाचा जब नचाया,गीत गाये प्यार के चीर के दिल जख्म दिखाये,इश्क की मार के, कोई तो होगा जतन,जो करूं मैं आखिरी कम नहीं होते दिख रहे,नखरे मेरे यार के। इनकार,इसरार,इकरार,सब मंजूर किया मर्जी हर बात में उनकी,मैंने क्या कसूर किया, गुनाह था ही नहीं,बरी किया काजी ने मुझे पर … Read more

आजा मैया मेरे द्वार

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** मन मेरा माँ रहा पुकार, आजा मैया मेरे द्वार। दुर्भावों का कर संहार, भर दे मैैैया ज्ञान अपारll अँखियाँ तुझको रहीं निहार, चाहूँ दर्शन बारम्बारl मुझ पर कर मैया उपकार, सदा करूँ तेरा सत्कारll कभी न छूटे तेरी आस, तुझमें अटल रहे विश्वास। मन मेरा तेरा आवास, बस तेरी ममता … Read more

आज का मानव

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आज का मानव अपने स्वार्थों में इतना फंस चुका है, अपना करके हिंसा आगे बढ़ रहा हैl दिखता नहीं कुछ निःशेष है अपनी इच्छाओं की पूर्ति, रहें स्थिर संतुलन प्राणी जगत अथवा मानवीय संस्कृति का, उसको चाहिए मात्र अपनी इच्छाओं की पूर्ति। जिसके लिए उसने अपने इष्ट मित्रों बन्धु-बान्धवों तक … Read more

दोस्त

रितिका सेंगर  इंदौर (मध्यप्रदेश) ****************************************************** एक तूफान आया, और टूट गया मेरा..आ..शियाना… भीड़ रिश्तेदारों की, मेरे साथ बहा रही थी आँ..सू, मेरी आँखें तलाश रही थी दोस्त को मेरे, खबर नहीं थी मुझेl वो तिनके चुन रहा था, मेरा आशियाना बनाने के लिएll