हिंदी से भाई प्यार करो

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हिंदी की बिंदी से भाई भारत का तुम श्रृंगार करो, दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो। तेरी माँ की यह भाषा है,क्या तुमको इसका ज्ञान नहीं ? तुम पढ़ो-लिखो कुछ भी लेकिन करना इसका अपमान नहीं। तुम हिंदी में हो पले-बढ़े,हिंदी से भाई प्यार करो- दुनिया … Read more

गीत नया है अधरों पर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नया काल है,नया साल है,गीत नया हम गाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे। बीत गया जो,विस्मृत करके, नव उत्साह जगाएंगे। सुखद पलों को स्मृति में रख, कटुता को बिसराएंगे। नई ऊर्जा,नई दिशाएं,नव संकल्प सजाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे॥ अंतर्मन में शुचिता लेकर, … Read more

इक्कीसवीं सदी का बीसवां वर्ष

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** इक्कीसवीं सदी का नया वर्ष बीसवां, सदियों बाद भी न ऐसा मेल मिलेगा। इसी सदी का वर्ष बीता उन्नीसवां, कहाँ जिन्दगी में अब वो वर्ष दिखेगा। नये वर्ष में अब रहें ये यहीं, बहारें न जाएं यहां से कहीं। फिजाँ इन बहारों की अब रहे यहीं, खिजाँ कोई … Read more

अंजुरी भर

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** भावनाओं ने कहा तो अंजुरी भर गीत ले कर आ रहे हम। विघ्न भी हैं सघन राह में निशिचर खड़े आघात को तम। संगठित निशिचर हुए और भद्रजन में द्वेष है, बुद्धि का अभिमान अतिशय नेह न अब शेष है। भावनाएँ शून्य हैं अब वो स्वयंभू बन गये खुद, बुद्धि … Read more

निवर्तमान वर्ष २०१९

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** हे वर्ष तुम्हारे विदा पर्व पर,कोटि-कोटि तुमको प्रणाम। नमन तुम्हारा त्याग समर्पण,नेह निबन्धन नित निष्कामll हे वर्ष तुम्हारी छाया में ही,जाने कितने मित्र मिले हैं। सूख रहे थे पौधे उन पर,फिर से नूतन पुष्प खिले हैंll जाने कितनी आशाओं ने,खुद को ही साकार किया। नेह-स्नेह की प्रतिमा ने भी,एक नया … Read more

कर लें स्वागत वन्दन नव का

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** कौन जियेगा कितने दिन तक,होता है यह तय नहींl शर शैया पर भीष्म पितामह,का भी होता समय नहींl आया समय बिताया लेकिन,बीत गयी जो बात गयी, अरूणोदय के साथ सुबह भी,शाम बनी वह रात गयीl पल-पल लड़ते रहे समय से,तनिक हमें था भय नहींl शर शैया पर… दु:ख की काली रात … Read more

लाओ माँ कुछ दाने दे दो

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** माँ ये चिड़िया रोज भोर में, आकर मुझे जगाती है। बैठ हमारी छत पर निशिदिन, मधुरिम गीत सुनाती हैll कभी बुलाकर संगी-साथी, कलरव यह कर जाती है। इसके मधुरिम कलरव से नित, दादी भी जग जाती हैll लाओ माँ कुछ दाने दे दो, मैं चिड़िया को देता हूँ। रोज सुबह … Read more

मस्ती सब खूब करेंगे

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… बड़े दिनों की छुट्टी, छुट्टी बड़े दिनों की। मस्ती सब खूब करेंगे, सब मस्ती खूब करेंगे। मिल के सारे बच्चे,नाचेंगे,गायेंगे, छुट्टी बड़े दिनों की मिल के मनायेंगे। दादा-दादी को लाओ, नाना-नानी बुलाओ। सांता क्लाज भी आया, झोला भर केक लाया। आओ,आओ सभी … Read more

भोर का नमन

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** पुस्तक `गीत गुंजन` से……….. तर्ज:फूल तुम्हें भेजा… ऐ माँ तुम्हारे चरणों की ये,धूल भी कितनी पावन है। इस मिट्टी में जीवन का हर,पतझड़ भी तो सावन हैll ऐ माँ तुम्हारे… हे तात तुम्हारे कृपापुष्प की,गाथा कैसे गाऊँ मैं। जीवन ही जो सुरभित कर दे,वो सुरभि तुम्हीं से पाऊँ मैंll हे … Read more

मैं भारत का बच्चा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** शब्जी हरी-हरी खाता हूँ,   दूध गाय का पीता हूँ। करता हूँ मैं योग भोर में, पढ़ता निशिदिन गीता हूँ॥      गउ,गंगा,गायत्री,गीता,  माँ हैं वेद बताते हैं। बसते हैं प्रभु राम सभी में, ऋषिजन यही सुनाते हैं॥    पत्थर में शंकर देखूं मैं, वट में देखूं देवों को। मातु-पिता की … Read more