चुनौतियों से घबराएँ नहीं, सफलता के लिए सतत बढ़ते रहें

सत्यम सिंह बघेल लखनऊ (उत्तरप्रदेश) *********************************************************** बहती हुई नदी को देखिये,ध्यान से देखें और चिंतन कीजिये। नदी बहुत तेजी के साथ अपने उदगम स्थल से बहना शुरू करती है। शुरुआत में बहुत छोटा रूप होता है,बिल्कुल छोटा-सा रूप। छोटी-सी धारा के साथ बहना शुरू करती है,जैसे-जैसे आगे बढ़ती है उसका रूप विस्तृत होता जाता है,वह … Read more

जीवन में सफलता का मन्त्र है सकारात्मक सोच

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि “हमने तो पूरी कोशिश कि,पर काम नहीं हुआ”,दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं। सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता…जानते हैं क्यों ? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं,सोचते हैं … Read more

जीवन जीने की कला है `आध्यात्म `

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* एक अंध विद्यालय में एक दिन शिक्षक ने ‘हाथी पृथ्वी पर सबसे विशाल जानवर है’ यह बताया। यह सुनकर उन अंधे विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक से हाथी को जानने की जिज्ञासा प्रकट की। संयोगवश एक महावत अपने हाथी के साथ उसी समय विद्यालय के सामने से जा रहा था। शिक्षक के … Read more

धरती पर जीवन के लिये जल संरक्षण जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* विश्व पर्यावरण दिवस विशेष………………. पर्यावरण से जुुड़े खतरों के प्रति सचेत करने, पर्यावरण की रक्षा करने एवं उसे बचाने के उद्देश्य से हर वर्ष ५ जून २०१९ को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विभिन्न सरकारों एवं इंसानों ने पर्यावरण एवं प्रकृति को बचाने के लिये कई उपाय कर रखे हैं,पर … Read more

पर्यावरण संरक्षण में अग्निहोत्र यज्ञ की उपयोगिता

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. स्वर्ग कामोयज्ञेत-अर्थात स्वर्ग की कामना से यज्ञ करो। प्रकृति ओर मानव का सृष्टि के आरंभ से ही अन्योन्यश्रित संबंध रहा है। हमारी प्राचीन धार्मिक परम्पराएं समूचे जीवन को सुख- समृद्धि प्रदान करने के साथ ही विज्ञान सम्मत भी है,किन्तु विडम्बना ही कहिए कि हमने विकास की अंधाधुंध … Read more

गिरता मानव-घटती संस्कृति

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** मानव ईश्वर की श्रेष्ठतम रचना है। सभी जीवों में मानव ही एकमात्र ऐसा जीव है जो सटीक बोल सकता है,जिसके पास बुद्धि है,संवेदना है,भविष्य की सोंच है,निरंतर प्रगतिशील है। यही एकमात्र ऐसा है जो समाज में एक निश्चित नियमों का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करता है। प्राचीनकाल … Read more

धर्म और विज्ञान का सहयोगी बनना जरुरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** “जब-जब होई धरम की हानि, बाढ़ आई असुर अधम अभिमानी…” एक तरफ तो पुराण कुछ इस तरह से धर्म की व्याख्या करते हैं,जिसमें जप-तप,दान-सेवा का बड़ा महत्व है,किंतु गीता में- “यदा-यदा ही धर्मस्य…” जैसे श्लोकों के आधार पर कर्म को धर्म से भी श्रेष्ठ माना गया हैl इसमें कर्म … Read more

एक विश्लेषण-उपन्यासों में ग्रामीण जीवन

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ उपन्यास आधुनिक युग की उपज है,उपन्यास वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथा है। मुंशी प्रेमचंद के शब्दों में “मैं उपन्यास को मानव जीवन का चित्र मात्र समझता हूँ। मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्व है।” न्यू इंग्लिश डिक्शनरी अनुसार-“वृहद आकार गद्द्याख्यान … Read more

ग्रीष्मावकाश का बदलता स्वरुप:कल और आज

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** एक समय था जब ग्रीष्म अवकाश में हम अपने नाना-नानी या किसी हिल स्टेशन या कहीं और घूमने का कार्यक्रम बनाकर चले जाते थे, ऐसा लगता था कि छुट्टियां कभी ख़त्म ही ना हो,किन्तु आज समय की रफ़्तार ने माता-पिता की आकांक्षाओं को भी पर लगा दिए हैं।प्रतिस्पर्धा के इस … Read more

अखबार में लपेटा खाद्य पदार्थ जहर से कम नहीं

अशोक कुमार सेन ‘कुमार’ पाली(राजस्थान) ******************************************************************************** भारत के लोग किसी चीज़ का इतना दुरुपयोग करते हैं कि वास्तव में कई बार वह चीज़ जिस उद्देश्य के लिए बनी,वह तिरोहित हो जाता है। मसलन अखबार पढ़ने के लिए होता है,पर उससे ज्यादा यह खाने-पीने की चीज़ों को परोसने और पैकिंग में काम आता है। फिर चाहे … Read more