`कोरोना` और आज का `युगधर्म`
राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** न जाने किसने ‘धर्म’ का भाषांतरण ‘रिलीजन’ कर दिया कि,शताब्दियों से दुनिया उसी गलती को दोहराती आ रही है। धर्म एक विस्तृत अर्थपूर्ण शब्द है,जबकि रिलीजन अर्थात संप्रदाय की सीमा किसी ग्रंथ या महापुरुष के विचारों या सिद्धांतों के पालन तक सीमित है। भारतीय वांगमय में धर्म का अर्थ है कर्तव्यपालन। … Read more