भारतीय गणतंत्र की दास्तान कहती कृति `हम भारत के लोग`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** भारतीय गणतंत्र की स्थापना के ७०वें साल में वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् डॉ. देवेन्द्र जोशी की हाल ही में प्रकाशित कृति `हम भारत के लोग` में उनके द्वारा गणतंत्र की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा को सप्रमाण सचित्र उभारा गया है। पुस्तक की शुरूआत हम भारत के लोग … Read more

आँचलिकता से सराबोर है ‘अगहनियां’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** जमशेदपुर निवासी शिवशंकर सिंह ने अपने इस कहानी संग्रह ‘अगहनियां’ में उत्तर भारतीय परिवेश के समस्त दृश्यों को शब्दांकित कर दिया है। वहां की ठेठ भाषा में रहन-सहन,रीति-रिवाज,मिथकों इत्यादि का चित्रण लेखक की कार्य कुशलता को प्रदर्शित करता है। प्रथम कहानी ‘अगहनियां’ में नायक और उसका वृक्ष प्रेम दर्शाया गया … Read more

`पत्र तुम्हारे लिए` लुप्तप्राय विधा हेतु एक सशक्त प्रयास

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आकर्षक आवरण वह भी विषयवस्तु के अनुसार `पत्र तुम्हारे लिए` पुस्तक है। साहित्य जगत उसमें समाज के सन्देश के आदान-प्रदान वाली कभी लोकप्रिय रहने वाली विधा जो आज लुप्तप्राय है। पत्र साहित्य पर केन्द्रित इस कृति का सम्पादन डॉ. विमला भंडारी ने किया है। कभी दूर देश से आने वाले … Read more

युग प्रेरक ग्रंथ है `महात्मायन` और `राष्ट्रमाता कस्तूरबा`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है,कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी बडी लकीर खींची है जिसे अभी तक छोटी नहीं किया जा सका है। गांधी की कथनी और करनी … Read more

कलियुग का महाकाव्य `ब्रह्म कल्प देवायण`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** अपने गुरु अरविंद के आश्रम में मृत्यु पर्यंत रहने वाले डॉ. हजारी द्वारा रचित पुस्तक देवायण को यदि महाग्रंथ कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी,क्योंकि यह पुस्तक वृहत्तम खंडों में लिखी गई है। कुल मिलाकर इसमें १२ खंड है,जिसमें ३६ पुस्तकें हैं। यह भारतीय शास्त्रीय महाकाव्य मीटर अनुष्टुभ छंद में … Read more

जीवन में उत्साह जगाती है ‘पग-पग शिखर तक’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** झाबुआ (मध्य प्रदेश)निवासी प्रदीप अरोरा की संदेशात्मक एवं विचारात्मक कृति ‘पग-पग शिखर तक’ का प्रकाशन हो चुका है। प्रखर गूँज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक कविताओं का सुंदर संग्रह है। प्रदीप अरोरा के कथनानुसार यह पुस्तक निराशा के दौर से गुजर रहे पाठकों के बंजर मन में उत्साह का बीजारोपण … Read more

आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करेगी `सदी के सितारे`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सदी के सितारे डॉ. देवेन्द्र जोशी की एक विशिष्ट कृति है, जिसमें देश के २३ विशिष्ट व्यक्तित्वों पर उनके आलेख समाहित हैं। इस पुस्तक में जिन विभूतियों पर डॉ. जोशी ने कलम चलाई है,वे कहीं न कहीं भारतीय जनमानस पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। लेखक डॉ. जोशी ने अपने … Read more

आम आदमी की समस्याओं को उकेरा `सवालों की दुनिया` ने

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** सवालों की दुनिया ग़ज़ल संग्रह वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण बक्षी का है। विगत पाँच दशक से निरन्तर नवगीत और ग़ज़ल लिख रहे इस संग्रह में आपने आम आदमी की समस्याओं को व्यापक तौर पर उकेरा है,जिसके मूल में देश की वास्तविक परिस्थितियों को केन्द्र में रखकर ग़ज़लें लिखीं गई … Read more

सुबह-सी सुहानी ग़ज़लों का संग्रह `चश्मदीद`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** गगन स्वर बुक्स प्रकाशन के अंतर्गत प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह चश्मदीद शैदा आराई द्वारा लिखा गया है। शैदा आराई का मूल नाम कुमार संजय है,तथा यह आरा जिला (बिहार) के रहने वाले हैंl उन्हें यह साहित्यिक नाम शायर एवं कवि हजरत निर्दोष कुमार प्रेमी द्वारा दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी शैदा … Read more

एक कड़वा सच है `अरिष्ट पत्रम्`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में झालावाड़(राजस्थान) की वंदना शर्मा द्वारा रचित एकल काव्य संग्रह अरिष्ट पत्रम् समाज की कड़वी सच्चाई को बयान करता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह कड़वा ही होगा,मगर एक सच्चाई यह भी है कि औषधि एवं सत्य हमेशा कड़वा ही होता … Read more