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सुमधुर रचनाओं से लड़ रहे ‘कोरोना’ से जंग

मधुपुर(झारखण्ड)।

तालाबंदी और कर्फ्यू के दौर में २४ मार्च से लगातार ऑनलाइन दृश्य-श्रव्य कवि सम्मेलन एवं जीवंत कवि सम्मेलन के जरिए दुनियाभर के साहित्यकारों को इस मुहिम में जोड़ने की अनूठी पहल जारी है। अब तक ५०० से अधिक लोगों ने ‘कोरोना’ पर काव्य पाठ करके जंग का आगाज किया हुआ है। इसी कड़ी में १२ अप्रैल को कई नवांकुर व स्थापित रचनाकारों का भी साहित्योदय उपनाम संस्कार किया गया।
महामारी ‘कोरोना’ से बचाव को लेकर ‘साहित्योदय’ की अनूठी पहल से ऑनलाइन कवि सम्मेलन का रिकार्ड बना है। संस्थापक अध्यक्ष पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि,साहित्योदय परिवार इस संकट की घड़ी में राष्ट्र के साथ मुस्तैदी के साथ खड़ा है। सारे रचनाकार अपनी रचनाओं से जनजागरण कर रहे हैं। लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं,इसलिए ऑनलाइन कवि सम्मेलन की शुरुआत की गई है। उद्देश्य लोगों की निराशा को दूर करना और वैसे लोगों की हौंसला अफजाई करना है,जो विकट परिस्थितियों में भी देश की सेवा में जुटे हैं। आपके अनुसार साहित्योदय के मंच पर २४ मार्च से लगातार ऑनलाइन कवि सम्मेलन चल रहा है,जिसमें देश-विदेश के साहित्यकार ‘कोरोना’ और उससे बचाव पर अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। अब तक ५०० से अधिक लोगों ने अपना काव्य पाठ पूर्ण कर लिया है। ‘साहित्योदय उपनाम संस्कार’ में सभी को उनके व्यक्तित्व और कृतित्व अनुसार उपनाम दिया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कवियित्री अनुपमा नाथ,प्रख्यात कहानीकार अनिता रश्मि,पूर्व जिला न्यायाधीश डॉ. मीना भट्ट, प्रमिला श्री तिवारी,वरिष्ठ साहित्यकार उदयशंकर उपाध्याय, वरिष्ठ उद्घोषक सुनील सिंह बादल और वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानवर्धन मिश्र ने सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया। सभी ने साहित्योदय की इस अनूठी पहल का स्वागत किया।
सम्मेलन को सफल बनाने में सचिव अनिता सिध्दि,प्रबन्ध निदेशक संजय करुणेश,मार्गदर्शक जयप्रकाश ओझा एवं उदयशंकर उपाध्याय सहित कार्यक्रम संयोजक अनामिका गुप्ता,गीता चौबे आदि का सहयोग रहा।

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