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साथ चलें,आपकी सीख और संस्कार

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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शिक्षक दिवस विशेष………..

गुरु आपके आशीष से,
पूरी होती है हमारी विनती
कागज के नोट से ज्यादा,
इंसानियत की करते हैं हम गिनती।
ऐसी प्रदान करना,
हमें हमेशा सीख
सहानुभूति की नहीं,
मांगनी पड़े कभी भीख।
प्रत्येक क्षण हम,
हृदय में रखें दया
दो किताबें पढ़ने के,
बाद भी आँख में रहे हया।
गुरु अपनी सीख से ऐसा,
गढ़ना हमारा आकार
हमारे साथ चलें,
आपकी सीख और संस्कार।
जब ज्ञान की रोशनी में,
निखरेगा हमारा पथ
तब सफलता पर पहुँचेगा,
हमारा जीवन रूपी रथ।
गुरु चरण में ‘आरती’ करती,
है कोटि-कोटि नमन।
हर पथ पर करना,
तम का आप दमन॥

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैL आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैL आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैL आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैL आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैL अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंL आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंL

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