हिंदी का क्रंदन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिंदी आज करती है क्रंदन, एक दिन ही क्यूँ हम करें वंदन। हिंदी बन गयी है आज शर्म, अंग्रेजी बना हमारा प्रथम धर्म। पराए को भले दो तुम मान, पर अपनों की मत छीनो शान। जो हिंदी थी गले का हार, आज उस हिंदी बोलने से … Read more

…तभी बनोगे दुनिया में नवाब

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* जिन्दगी आज भी जुआं है…, एक अधूरी-सी दुआ हैl कोई सुना देता है फरमान, तोड़ देता है अरमानl आसमान नहीं जमीन चाहिए, बस जिन्दा जमीर चाहिएl मानती हूँ लाख है कमी, फिर भी छुपा लेती हूँ नमीl जब थाम लेती हूँ अपना हाथ, नहीं छोड़ती हूँ खुद का साथl अजीब-सा … Read more

सुबह-सी सुहानी ग़ज़लों का संग्रह `चश्मदीद`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** गगन स्वर बुक्स प्रकाशन के अंतर्गत प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह चश्मदीद शैदा आराई द्वारा लिखा गया है। शैदा आराई का मूल नाम कुमार संजय है,तथा यह आरा जिला (बिहार) के रहने वाले हैंl उन्हें यह साहित्यिक नाम शायर एवं कवि हजरत निर्दोष कुमार प्रेमी द्वारा दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी शैदा … Read more

मेरे कान्हा

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. कान्हा छेड़ सच्ची प्रीत का राग, मिटा कर वासना की आग। भक्ति सरिता मीरा हो या राधा, तेरा प्रेम नहीं हुआ कभी आधा। दीवानी थी तेरी हर गोपी, पर तूने सबको इज्जत सौंपी। तूने सिखाया कंस को भी अदब, उसने दिखाया जब पाप का करतब। मित्रता … Read more

मिटाया वतन का क्रंदन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* रक्षा का उसे मैं बाँधूंगी बंधन, जिसने मिटाया वतन का क्रंदन। कश्मीर में भी देश का चलेगा सदन, तिरंगे में नहीं लौटेगा जवान का बदन। नहीं अब कोई पत्थर मारेगा, नहीं अब दो झंडों में देश को बाँटेगा। ३७० का अब अंत हुआ है, देश एकता का संत हुआ है। … Read more

सैनिकों को नमन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. कितनी माताओं का पालना है टूटा, संगनी की मेहंदी का रंग है छूटाl आज भी कहती हैं कारगिल की सीमा, मिट्टी में बह रहा है सैनिक का खून धीमा-धीमाl हस्तियों को मेरे देश में रहने से लगता है डर, मेरे जवान कैसे मेरे देश पर … Read more

मानवीय संबंधों की कहानी है `सेवा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** हिंदी साहित्य में उपन्यास का एक महत्वपूर्ण स्थान है। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उपन्यास का जन्म बंगाल की धरती पर हुआ था और श्रीनिवास दास द्वारा लिखित परीक्षा गुरु हिंदी साहित्य का प्रथम उपन्यास माना जाता है। प्रेमचंद को आधुनिक उपन्यास का जनक कहा जाता है। रेनुका … Read more

‘हर्ष’ का गुमनाम एहसास है `खामोश दर्द`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** वर्तमान अंकुर प्रकाशन के बैनर तले सम्पादक निर्मेश त्यागी द्वारा प्रकाशित प्रमोद कुमार ‘हर्ष’ की पुस्तक खामोश दर्द का एक अलग ही स्थान है। पुस्तक को प्रसिद्ध कवि एवं लेखक राजेश मल्होत्रा ‘राज’ ने सम्पादित किया है। यह पुस्तक कहानियों एवं कविताओं का मिला-जुला संग्रह है। पुस्तक में संग्रहित कविताओं … Read more

मन में संजोकर रखने योग्य है `मन की अभिलाषा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** बिहार की धरती में साहित्यकारों का उदभव कोई नई बात नहीं है। कहते हैं कि बिहार और साहित्य का अटूट नाता है। प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में प्रकाशित इस एकल संग्रह मन की अभिलाषा के रचयिता डॉ.छेदीलाल केशरी भी इसका एक उदाहरण है। कैमूर बिहार के रहने वाले डॉ.केशरी … Read more

ये कैसी जवानी है…?

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* अलीगढ़ में मासूम बेटी की घटना पर आधारित…… हाथ लगाया तो डर गई, बाहर निकाला तो मर गईl मछली नहीं यह लड़की की कहानी है, नोंच दिया मासूम को ये कैसी जवानी है ? कौन-सा सिखाता है तुम्हें मजहब, दिखाओ हैवानियत का तुम यह करतबl ढंके बदन की करते हैं … Read more