तुझको कोटि नमन उन्नीस

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मिला बहुत खोया तनिक, प्यारा वर्ष उनीस। करो पूर्ण हर कामना, सादर स्वागत बीस॥ तीन सौ सत्तर का कलंक तूने माथे से धोया था। काश्मीर…

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फूल की भूल

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** असल जीवन की यह कहानी ६ दिसम्बर १९५९ से सम्बद्ध है। सम्मान,अपमान और निष्कासन की एक ऐसी घटना घटी थी जिसने हर्ष-विषाद का समन्वित इतिहास…

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मेघालय में नारी-सत्ता,और सुरक्षित भी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जंगलराज से आदमराज में परिणत होती हुई दुनिया स्त्रियों को गौड़ बनाकर पुरुष प्रधान हो गई। समाज और धर्म के समस्त विधान पुरुषों के अहंकार…

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माँ और मैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मेरे सर पे दुआओं का घना साया है, ख़ुदा जन्नत से धरती पे उतर आया है। फ़कीरी में मुझे पैदा किया,पाला भी। अमीरी में लगा…

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महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह हुए स्मृति शेष

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** विश्वविख्यात वैज्ञानिक-गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में अपोलो मिशन शुरुआत के दौरान ३०…

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कर्मवीर के कदम चूम लें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कर्मवीर वह कहलाता जिसकी रुकती नहीं चाल, कर्मवीर वह कहलाता जिसका अनुगामी काल। जिसकी चलती हैं हर साँसें सदा कर्म के साथ- कर्मवीर वह कहलाता,नहीं…

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सोच सको तो सोचो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** गिलगित,बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ, वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ-मत चिल्लाओ। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी, दे दो,वरना तेरी छाती पर…

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जाल में फँसा खुद आदमी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** आदमी क्यों आदमी से दूर है, स्वार्थ के हाथों बहुत मजबूर है। मोह में फँसकर महाभारत रचा, फल मिला तो क्यों गमों में चूर है।…

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कागज की नौका

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** माता का उपदेश नहीं बच्चे को कुछ भी भाया। बारिश में नौका लेकर पानी के बीच चलाया॥ बिनु पतवार कागजी नौका इधर-उधर बल खाती। कभी…

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हिंदी का गुणगान करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हिंदी ने सब कुछ सिखलाया,हिंदी का गुणगान करें, जिसने जना चंद जगनिक कवि,उसका हम सम्मान करें। खुसरो की 'कह मुकरी' जिसकी गोदी में मुस्काती हो-…

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