शिक्षक-शिक्षा पर मंथन आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* शिक्षक दिवस विशेष……….. जैसे पांचों उंगलियां एक समान नहीं होतीं,उसी प्रकार प्रत्येक शिक्षक पूजनीय या निंदनीय नहीं होता। आज अधिकांश शिक्षक अपना महत्व खो रहे हैं,क्योंकि भारी-भरकम ट्यूशन शुल्क और धन के बल पर परीक्षा उत्तीर्ण करवाने वाले शिक्षकों का सम्मान आखिर विद्यार्थी कब तक करेंगे ?यह सत्य … Read more

पवित्रता का प्रतीक ‘रक्षाबंधन’

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* दूसरी ओर यूँ भी बहनें भेंट स्वरूप भाई से तलवार की मांग कर रही हैं,ताकि वह बुराईयों को स्वयं काट सकें। वैसे भी वह सेना में भर्ती होकर अपना सम्पूर्ण दायित्व निभा रही हैं और युद्धक अस्त्रों-शस्त्रों से परिपूर्ण विमानों को उड़ा कर शत्रु के क्षेत्र में बम-वर्षा … Read more

ईश्वर ही जाने सारे गूढ़ रहस्य

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* मानव जन्मजात पागल ही तो है। जब जानता है कि साँसें गिनती की हैं और अपना शरीर भी अपना नहीं है,तो ऐसे में दूसरों पर भरोसा करना,पागलपन नहीं तो और क्या है ? सत्य से कब तक मुँह फेरेगा ? सत्य यह है कि समस्त सृष्टि के मानव … Read more

भारत और चीन के कड़वाहट भरे रिश्ते

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… सर्वविदित है कि भारत और चीन के रिश्तों में हमेशा कड़वाहट रही है। यह किसी से छुपी नहीं है,बल्कि जगजाहिर है।१९६२ के दशक में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। फलस्वरूप भारत की जान-माल की अत्यंत हानि हुई थी,किन्तु … Read more

खुद को बचाते हुए बढ़ना होगा

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* जिस प्रकार जिव्हा दांतों में खुद को बचाते हुए अपना सम्पूर्ण कार्य कुशलता पूर्वक करती है। उसी प्रकार हमें अपने-आपको चारों दिशाओं से ‘कोरोना’ के चक्रव्यूह को भेदते हुए जीवन-यापन करना होगा,तभी हम स्वयं को बचाने में सफल होंगे।कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो भी … Read more

शत्रु भी लोहा मानते थे शौर्य-समर्पण का

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. ९ मई १५४० ईसवीं को राजस्थान में उदय सिंह व जयवंताबाई के राजमहल में जन्मे महाराणा प्रताप सिंह भारत एवं भारतीयों की शान और मान हैं’जो परमवीर अद्वितीय योद्धा थे। उनकी शौर्य गाथा,उनका नाम सिमरन करते ही शरीर में वीर रस … Read more

चुनौतियों से निखरता है व्यक्तित्व

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* चुनौतियों की पवित्रता का रसपान धरा पर बिरले ही करते हैं,क्योंकि कायरों को चुनौती शब्द ही दिन को तारे दिखा देता है,जबकि महारथियों, ज्ञानियों,विद्वानों,मुनियों,आलोचकों,साहित्यकारों, शूरवीरों,महावीरों और कर्मवीरों के लिए चुनौती अमृत समान है,जिसे पीने के लिए वह हमेशा लालायित रहते हैं। चूंकि,वह जानते हैं कि कुम्हार द्वारा … Read more

कोरोना:गरीबों,मजदूरों व किसानों का योगदान अनमोल

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* `करेला और ऊपर से नींम चढ़ा` वाली कहावत “कोरोना` की जंग में गरीब मजदूरों का योगदान क्या है ?”,पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। उक्त प्रश्न में ‘गरीब’ और ‘मजदूर’ शब्द का प्रयोग एकसाथ किया गया है,जबकि यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक गरीब,मजदूर हो और … Read more

`कोरोना`: जीवन शैली बदलने का संकेत,समय भी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* बदलाव प्रकृति का नियम है और जीवन का आधार प्रकृति है। इसलिए `कोरोना` हो या कोई भी अन्य विकट वैश्विक चुनौती,जीवन-शैली बदलने की अति आवश्यकता होती है। चूंकि,प्रकृति जीवन जननी है और प्रत्येक जीव-जन्तु प्रकृति की कोख से उत्पन्न हुआ है,जिसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथ एवं विद्वानों सहित … Read more

मानव को प्राकृतिक संदेश ‘कोरोना’

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. बदलाव प्रकृति का नियम है और जीवन का आधार प्रकृति है। इसलिए ‘कोरोना’ हो या कोरोना जैसी कोई भी अन्य विकट वैश्विक चुनौती,जीवन-शैली बदलने की अति आवश्यकता होती है। चूंकि,प्रकृति जीवन जननी है और प्रत्येक जीव-जन्तु प्रकृति की कोख से उत्पन्न हुआ … Read more