सौहार्द बनाम मानवतावादी ऊँची सोच
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. ‘धर्मों रक्षति रक्षति:,तयो धर्मस्ततो जय:।’ अर्थात् राष्ट्र धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है।‘जो भरा नहीं है भावों से,बहती जिसमें रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है,जिसमें ‘स्वदेश’ से प्यार नहीं।’ स्वतंत्रता प्राप्ति के २९ वर्ष के बाद १९७६ में भारतीय संविधान के ४२वें संशोधन … Read more