सौहार्द बनाम मानवतावादी ऊँची सोच

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. 'धर्मों रक्षति रक्षति:,तयो धर्मस्ततो जय:।' अर्थात् राष्ट्र धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है।'जो भरा नहीं है भावों से,बहती जिसमें…

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घर-परिवार:ज़रूरत बदले हुए नज़रिए की

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… 'ज़िंदगी मेरे घर आना,आना ज़िंदगी,मेरे घर का सीधा-सा इतना पता है,मेरे घर के आगे मुहब्बत लिखा है,न दस्तक ज़रूरी,ना आवाज देना,मैं साँसों की…

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परम्परा…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* दीवाली के दिन,मेरे घर मेंशाम को पकवान कुछ भी बने,देशी सूरन की सब्जी जरूर बनती हैlसोने से पहले,माँ आँखों में काजल लगा देती हैकहते हैं…

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तेरहवीं का विहान

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* कल मेरे पड़ोसीगंगू चाचा के पिताजी की तेरहवीं थी,ब्रम्ह भोज में भीड़ खूब जुटी थीपहले ब्राम्हणों ने भोग लगाया,दक्षिणा ग्रहण कीफिर देर तक चलता रहा…

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किसी ने नहीं समझा पाप…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* इन्द्र देवता हैं ?नहीं!मर गया थाउनका उसी दिन देवत्व,जिस दिनअवैध रूप से किया था उन्होंनेअहिल्या के घर में प्रवेश,किया था उनके साथ दुराचार।उनका वह कर्म,छल,कपट…

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पहुँच जाने दो हमें गाँव

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* हम सड़कों पर सैर करने नहीं निकले हैं साहब, हम गाँव जाना चाहते हैं मेरी पत्नी के पेट में, बहुत दर्द है उसे थोड़ा विश्राम…

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ये फुटपाथ के बच्चे

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* आजकल जब ट्रेन बंद है, यात्री नहीं आ रहे स्टेशन खाली है, तब सोचता हूँ... वे फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे कहाँ होंगे इस समय!…

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आधी मजदूरी

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* सुबह-सुबह मालिक आया और कारखाने में अपने निजी नौकर के साथ घूम-घूमकर कह गया,-"आज दिन तुम्हारा है,समय से स्नान कर लो,कपड़े भी ठीक-ठाक पहन लो।"…

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पृथ्वी

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मैं देखता हूँ जहाँ तक दिखायी देती है मुझे पृथ्वी, शांत बिल्कुल शांत, चपटी कहीं-कहीं थोड़ी उँची और गहरी। कोई मुझसे कह रहा था पृथ्वी…

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न जाने इंतजार किसका है ?

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* बहुत दिनों से सुनसान है त्रिवेणी का तिराहा, जहाँ गाहे-बगाहे, अक्सर ही दिख जाते हैं एक लड़का और एक लड़की, करते हुए प्रेमालाप। उस तिरहे…

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