‘कोरोना’ हारेगा,भारत जीतेगा

दुर्गेश राव ‘विहंगम’  इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************** तू रख खुद और ईश्वर पर विश्वास, शीघ्र ही होगा ‘कोरोना’ का विनाश। विषाणु मुक्त मेरा भारत बनेगा, कोरोना हारेगा,भारत जीतेगा॥ ना घबरा भारतीय, जिस मिट्टी में जन्मे कृष्ण-राम वहाँ कैसे रहेगा ! कोरोना का नाम। खुशियों के फूल से भारत खिलेगा, कोरोना हारेगा,भारत जीतेगा॥ कसम खाई हमने, घर में … Read more

`कोरोना’ हमसे डरेगा…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** खुशियों की बिसातें होंगी, रौनकें हर अहाते होंगी। अंत ‘कोरोना’ का भी निश्चित, गुजरे जमाने की बातें होंगी। आज के दम पर कल को मिलेंगे, उसको भी हसीन करेंगे। कुछ पल की खामोशी है यह, बाद फिर से बारातें होंगी। खुशियों की बिसातें होंगी, रौनकें हर अहाते … Read more

हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना………… हे! माँ मुझको गर्भ में ले ले, बाहर मुझको डर लागे। देह-लुटेरे,देह के दुश्मन, मुझको अब जन-जन लागेll अधपक कच्ची कलियों को भी, समूल ही डाल से तोड़ दिया। आत्मा तक को नोंच लिया फिर, जीवित माँस क्यों छोड़ दिया। खुद के घर भी … Read more

हूँ खुशकिस्मत `अध्यापक` हूँ…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** हूँ खुशकिस्मत अध्यापक हूँ, है कार्यक्षेत्र मेरा अध्यापन। ज्ञान की अलख जगाने को ही, है मेरा सब समराथन। अज्ञान लोक यह जीवन है, इसमें अंधियारा रचा बसा। है परमपिता का परमाशीष, जो उससे लड़ने मुझे चुना। आदर्श बनाकर ज्ञान के पथ को, मैं जगमग करने आया हूँ। … Read more

छोटे बच्चे हैं हम..

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. कच्चे हैं हम,मगर सच्चे हैं हम, प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम… प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम। गुलशन में कितने ही रंग से खिले, माला में गुंथे बड़े अच्छे हैं हम। कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम॥ भारत की हम शान बनें, … Read more

मजदूर या मजबूर…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** बैठा है इंतजार में, कृपा की तुम्हारे। भूखी आशा से, हर आने-जाने वाले को निहारे। हाथ में पकड़े है, कपड़े में बंधी दो मोटी-मोटी रोटियां, और प्याज। मन में है कई चिंताएं, बढ़ रहा है महाजन का चौगुनी गति से ब्याज। बच्चों की माँ ने कहा था … Read more

अमर विचार हो तुम

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** आजाद भारत के बिखराव में, एकता के बने सूत्रधार हो तुम। फौलाद इरादों से अटल रहे हो, लौह पुरुष सरदार हो तुमll हृदय वल्लभ तुम,दिल झावेर का, पटेल नाम से प्रिय बने। जन्म नाडियाड गुजरात में लेकर, भारत देश लोकप्रिय बने। लाडबा देवी ने लाड़ लडाकर, माँ … Read more

पंचदिवस दीपावली

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** धन से धन्य दिन-रात हुए हैं, धन-तेरस ने,त्योहार की शुरु,खुशियां करवाई। कुबेर ने बाजार में खोला खजाना, धन-धान्य बरसे अब,खुशियां घर-आँगन लहराई। धन की वर्षा अभी थमी नहीँ थी, रूप निखारने को नायिका का,अब चतुर्दशी आई। नायिका संग,सब नायक सजे हैं, सजने-सजाने की स्पर्धा में भी,तुम देखो … Read more

जीवन की कड़वी सच्चाई

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** जीवन जीना पार उतरना, ये भी एक कसौटी है। जीवन की कड़वी सच्चाई, जग में मित्रों रोटी है॥ अल-सुबह दुनिया जग जाती, चैन भले आती न आती। रात भले ढल भी जाए तो, दुनिया इक पल न सोती है॥ जीवन की कड़वी सच्चाई… जीवन जीना पार उतरना, … Read more

माँ

दुर्गेश राव ‘विहंगम’  इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************** अमर प्यार है माँ का जग में,माँ ही सच्चा मीत, सेवा करता है जो माँ की,होती उसकी जीत। नहीं हारता है वह जग में,माँ हो जिसके पास, हर लेती है माँ सदैव दुःख,देती सुख-सा शीतll परिचय-दुर्गेश राव का साहित्यिक उपनाम ‘विहंगम’ है।१९९३ में ५ जुलाई को मनासा (जिला नीमच, मध्यप्रदेश) … Read more