मेघालय में नारी-सत्ता,और सुरक्षित भी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जंगलराज से आदमराज में परिणत होती हुई दुनिया स्त्रियों को गौड़ बनाकर पुरुष प्रधान हो गई। समाज और धर्म के समस्त विधान पुरुषों के अहंकार और महत्व के पोषक हो गए। नारी जाति क्रमश: ढकेली जाने लगी और शोषण जनित पतन के परिणाम स्वरूप गर्भ में ही मारी जाने लगी। … Read more

दुष्कर्म

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मानवीय संवेदना,मर्यादित आचार। क्या जाने कामी दनुज,घूमे कर व्यभिचारll निर्विवेक पशुतुल्य वे,कर कातिल शिकार। क्या बेटी माँ बहन हो,निर्दय कुटिल प्रहारll होता जग लज्जित वतन,उत्पीड़न नित देख। देवतुल्य नारी जहाँ,उपहासित उल्लेखll `ज़ल्लाद` कहो,`हैवान` या,`दानव`,`दुष्ट`, नृशंस। कहँ ख़ोजे इन्सानियत,दुष्कर्मी जो कंसll शैतानों का दिल कहाँ,दर्दिल हो मासूम। घाव दिया … Read more

साहित्य संगम ने दिया १२ रचनाकारों को `हिदी साधक` सम्मान

  दिल्ली l साहित्य संगम संस्थान(दिल्ली) द्वारा २५ से ३१ अक्टूबर २०१९ तक `एक खत हिंदी के उत्थान पर` पत्र लिखकर कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रतिभागियों को हिंदी साधक सम्मान से नवाजा गया है। इस समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के राजेश कुमार शर्मा `पुरोहित` रहेl कार्यक्रम संयोजक नवीन कुमार भट्ट `नीर` ने बताया … Read more

बाल साहित्य लेखन एवं चुनौतियाँ

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** बालक किसी भी देश,समाज,संस्कृति का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति की पूंजी होता है। बच्चों में हमारा भविष्य दिखाई देता है। वे कल की उम्मीद बंधाते हैं। बालक ईश्वर की बनाई वह अनुपम कृति है,जिससे कायम है जीवन धारा,संस्कृति और शाश्वत मूल्य। बालक जितने सुकोमल होते हैं,उतने ही जिज्ञासु … Read more

देश जाग चुका

पुष्कर कुमार ‘भारती’ अररिया (बिहार) ********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना……….. सदियों से सोया था देश मेरा आज फिर से जाग चुका है, कलंक लगा था जो माथे पे एक पल में उसे धो डाला। न रिपोर्ट हुई,न कोई सबूत न तारीख,न कोई बहस, पापियों को कुछ ही पल में उसी की भाषा में जवाब मिला। सुनो … Read more

बलात्कारियों को फाँसी दे दो

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना…………. हे राजमहल के राजवंशी,अब वंशी तान देना बंद करो, खादी के वेष में बैठे रहनुमा,सुरक्षित बेटियों का प्रबन्ध करो। बदल दो पन्ने संविधान के या बदल दो देश का विधान तुम, बदल दो नक्षत्र की दिशाएं या बदल दो संसद का परिधान तुम॥ आँखें उठती जो … Read more

मैं हवस का कौर क्यों..

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना………… क्या कहो अपराध मेरा,मैं हवस का कौर क्यों, चीखती सित्कारती मैं,सुन न पाते शोर क्यों ? जब मरी नवयौवना,उदगार उसने यह कहे, मानते देवी अगर तुम,फिर न बदला दौर क्यों। ले मशालें चल पड़े हैं,लोग सड़कों पर खड़े, मांगते इंसाफ लेकिन,हो रहा फिर और क्यों। पाप करते भी … Read more

सुबह की पहली किरण

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** सुबह की पहली किरण, हमें नई रोशनी है दिखाती जीवन का नया रास्ता है दिखाती, मन और तन में नया जोश जगाती जीवन को नया उजाला दिखलाती, मन को उमंगों से भर जाती। सुबह की पहली किरण, नई लक्ष्य दिखाती नया रंग और नया रुप दिखाती, नई कल्पनाओं से हमें अवगत … Read more

नटखट गोपाल

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** भोला-भाला तेरा लाल जैसे हो गिरधर गोपाल, आँगन में करता है कमाल… संभाल यशोदा अपना लाल। नटखट बहुत सयाना है माखन चोर बेगाना है, हाथ न आने वाला है… छलिया बहुत दीवाना है। कृष्ण कन्हैया संग ग्वाल-बाल मिलकर करे मटकी पर धमाल, अब बताओ बाबा नन्दलाल… कहाँ है तेरा गिरधर गोपाल। … Read more

सजनी-सजना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सुनो सजनी जिंदगी तुम, तेरी खुशियों का साजन हूँ मेरी खुशबू इबादत तुम, गगन से तारे तोड़ लाऊँl बनूँ मैं मीत जीवन की, सजन मैं प्रीत गाऊँ गीत कशिश महफ़िल सजाऊँ मैं, अमर संगीत बन जाऊँ। तेरे नखरे चपल आँखें, तेरे नगमें नज़ाकत ये वफ़ा तेरी भींगी पलकें, … Read more