रूह का रंगरेज़

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कविता,जो प्रीत के साथ ही बी.ए. फाइनल ईयर में थी,ने कहा-‘प्रीत! कौन सी किताब पढ़ रही है ? आज तू संस्कृत की कक्षा में भी नहीं आई। अब जल्दी चल,आज गृहविज्ञान की प्रयोगात्मक लैब में जाना है।’तभी प्रीत को अहसास हुआ कि अरे! इतना … Read more

बसंत का आना मानो…

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** बसंत का आना मानो…गोरैया का चहचहानाप्रभात गीत सुनाना,भूरी शाखाओं में सेनन्हीं-नन्हीं-सी हरी,कोंपलों का फूटनासप्ताह बाद कोंपलों का,कोमल हरे पत्तों मेंतब्दील हो जाना…। बसंत का आना मानो..अधरों की पँखुरी से,झरते सुन्दर अल्फ़ाज़मन-फ़लक पर उगता,उज्ज्वल रूपहरा चाँदकलम लिखने को बेताब,उल्लासित हिय का उल्लासहर्फ़ों में यौवन-सा उन्माद,बज उठा मानो अंतःनाद…। बसंत का आना … Read more

प्रतिज्ञा

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)***************************************************** प्रतिज्ञा दिवस के अवसर पर,आओ हम प्रतिज्ञा करेंअपने आपसे,अपनी आत्मा सेआत्मा की आवाज सुनें,आत्म सम्मान वस्वाभिमान की उत्कृष्टता,को बनाए रखेंअपने उसूलों में,दृढ़ता लाएंमन मस्तिष्क में,शान्ति बनाएं। प्रतिज्ञा करें,भारतीय संस्कारों कीसुरक्षा की,मानवीय मूल्योंसांस्कृतिक मूल्यों का,शिक्षा संस्थाओं मेंविस्तार करें,नयी पीढ़ी कोअपनी संस्कृति,हस्तान्तरित करेंशिक्षा के माध्यम से,संस्कारों की प्रगति करें। आओ हम मिलकर,कोरे … Read more

मेरे हमसफ़र

पूनम दुबेसरगुजा(छत्तीसगढ़) **************************** काव्य संग्रह हम और तुम से….. मेरे हमसफ़रमेरा प्यार…।साथ तुम्हारा पाया है,कटता कैसे तुम बिन,इतनी कठिन ऐसी डगर।ओ मेरे हमसफ़र… छूटा जब बाबुल का आँगन,संग तुम्हारे आ गई मैंहर पल तुमने साथ दिया है,मिलती रही नई डगर…।मेरे हमसफ़र… कितना भी उलझी रिश्तों में,हर पल मुझे समझते रहेअपनी आँखों से मुझको,दुनिया तुम दिखलाते रहेकटता … Read more

छैयां नीम की

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** आँगन की छैयां सुहानी, बाबा सुनाते थे कहानी दादी लिए हाथ में पानी, देख हमें कैसे मुस्काती। खेलें हम पकड़े बंहियां…, नीम की छैयां…॥ गर्मी के दिन पूरे हमारे, नीम डाल पर झूला डाले इक-दूजे को खूब झूलाते, खीर बताशे खूब चबाते। करते हम सब ता-ता थैया…, नीम की छैयां…॥ होती … Read more

मन का बैर मिटाइए

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** फागुन का महीना है, रंगों भरा नगीना है उड़ते रंग-गुलाल यहां, बाजे ढोल मृदंग जहां मस्ती भरा त्योहार हुआ, खुशियों का खजाना है…l फागुन का महीना… छल-कपट सब त्यागिए, मन का बैर मिटाइए रंग-बिरंगे फूलों जैसे, हर धर्म के लोग यहां बस प्रेम से गले मिल जाइए, यही तो भाव जगाना … Read more

संग तेरे

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** संग तेरे प्यार की इक राह मिल गई, जिंदगी जीने की पहचान मिल गई। संग तेरे प्यार… कट रहे थे पल हमारे जैसे अंधेरी रात, तुमने जो थामा हाथ ये रोशनी मिल गई। संग तेरे प्यार… तन्हां-तन्हां जी रहे थे घिरकर उदासी में, पाया जो साथ तेरा महफिल मिल गई। संग … Read more

कभी-कभी चुप रह जाऊं

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कभी-कभी चुप रह जाऊं, कुछ भी नहीं बात करूं मुझे अकेले रहने दो ना, सब-कुछ पल में भूल जाऊं। कभी-कभी… बैठ कहीं अकेले में, बचपन के मीठे सपनों में गुड्डे-गुड़ियों के खिलौनों से, फिर से वो दिन ले आऊं। कभी-कभी… पूरा महल सजाया मैंने, उस महल में रहती हूँ सबकी बातें … Read more

बसंती-बसंती हुआ ये जहां..

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बसंती-बसंती हुआ ये जहां… सुध अब नहीं है न पूछो कहां! रूकते नहीं पांव मेरे पिया… नाचे खुश हो मेरा जिया…l बसंती… खेतों ने ओढ़ी है धानी चुनर.. पीले-पीले बूटे सजे… जब चलती है ये हवा बेखबर, न पूछो आँचल जाए किधर…! बसंती… पतझड़ से उड़ कर पत्ते गए… शाखों पे … Read more

ज़िंदादिल रहिए

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** कुछ ना कुछ छूटता, ही रहता है जीवन का पर परवाह नहीं करना, जो भी है जैसा भी भी हर हाल में खुश रहना, हमें जिंदादिल होना चाहिए। जो होना है होकर रहेगा, फिर क्यूं चिंता में रहना! जो मन को अच्छा लगे, जिसमें मन को शांति मिले बस उसमें रम … Read more