सुबह का भूला

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** शहर से सोहन को शुरू से लगाव रहा है,शहर से आने वाले लड़के जब उसके सम्मुख शहरी चकाचौंध का वर्णन करते तो सोहन अपनी कल्पना…

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मेरा राम फ़िर वनवासी हुआ जाता है

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** मन मन्दिर रिक्त हुआ जाता है, मेरा राम फिर वनवासी हुआ जाता है कोई कालिमा कैकेयी सी है घर कर गयी क्या ? ये इतिहास…

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पड़ोसी

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. 'सामाजिक संबंध' जैसे ही ये शब्द पढ़े तो सबसे पहले जो मस्तिष्क में विचार आया वो था 'पड़ोस', और सामाजिक…

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आधुनिकता से अत्याधुनिकता

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** मिस मोनिका शिक्षिका थी। उनका पालन-पोषण शहर में हुआ था। पश्चिमी सभ्यता से बहुत प्रभावित थी। अबकी बार उनका तबादला रामपुर कर दिया गया था,जो…

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ये ‘तालाबंदी’ कभी ना खुले

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** कपिल बालकनी पर खड़ा शहर की सूनी सड़कों को ताक रहा था। कभी न थमने वाले शहर में आज मरघट का सन्नाटा पसरा हुआ था।…

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आत्म संवाद

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** अपने हृदय संसार में जब मैं उतरती हूँ, प्रतिपल की अनुभूति सहेज कर चलती हूँ। अन्तर्मन के शब्द मौन, मौन ही वाद-विवाद उस क्षण में…

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अबोध मानव

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति के देखे रूप बहुत,उत्तर से लेकर दक्षिण तक, हरियाली से लेकर रेत तलक,गिरिराज से लेकर सागर तक। तरुवर से…

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संदेश है प्रकृति का

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** सृष्टि के प्रारम्भ में प्रकृति ने जब सभी जीवों की रचना की तो दो पैरों वाले जीव 'इंसान' को सबसे अधिक ताकत 'दिमागी ताकत' दी।…

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शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी अंशु प्रजापति जी का २५ मार्च  को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..

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वापसी (स्वयं की)

अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** मन खोने लगा है एक अनकही में, शब्द पिरोने लगा है एक अनकही में। कुछ धुँधली-सी हुई जो तस्वीर मेरे अस्तित्व की, परतें उस पर…

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