मन को भाएगी मन-गुँजन

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’गोरखपुर(उत्तरप्रदेश)**************************************************** प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में प्रकाशित पुस्तक मन-गुँजन की रचनाकार रेनू त्यागी (हरियाणा) काफी समय से लेखन के क्षेत्र में अग्रसर हैं। इनके लेखन की खासियत यह है कि,बहुत ही कम शब्दों में अपनी भावनाएं कागज पर उड़ेल देती हैं। तभी तो वह कहती हैं-मामूली सा सवाल थी मैं,और ढूंढने वाले … Read more

धैर्य धरना होगा

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** अपनी राह तुझे एक-एक कदम चलना होगा, थक रहे हैं पैर तो क्या धैर्य मन में धरना होगा। सूरज बनो या चंद्रमा,शनैः-शनैः घटना बढ़ना होगा, अथक परिश्रम संग धीरज भी तुम्हें धरना होगा। मन के धवल बादलों से अम्बर में तुझे घिरना होगा, मरुभूमि की मरीचिका से बाहर स्वयं निकलना … Read more

`भावांजलि` उत्सव में हुआ कई पुस्तकों का विमोचन

नोएडा(दिल्ली) | १५ दिसम्बर २०१९ एक यादगार दिन रहा,जब नए-पुराने कई रचनाकारों का जमावाड़ा देखने लायक थाl हर किसी के चहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी ,और ऐसा मालूम देता था जैसे उसके घर के आँगन में कोई उत्सव होl `वर्तमान अंकुर` के मुख्य सम्पादक निर्मेश त्यागी ने स्वयं सभी अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया,जहाँ … Read more

कलियुग का महाकाव्य `ब्रह्म कल्प देवायण`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** अपने गुरु अरविंद के आश्रम में मृत्यु पर्यंत रहने वाले डॉ. हजारी द्वारा रचित पुस्तक देवायण को यदि महाग्रंथ कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी,क्योंकि यह पुस्तक वृहत्तम खंडों में लिखी गई है। कुल मिलाकर इसमें १२ खंड है,जिसमें ३६ पुस्तकें हैं। यह भारतीय शास्त्रीय महाकाव्य मीटर अनुष्टुभ छंद में … Read more

जीवन में उत्साह जगाती है ‘पग-पग शिखर तक’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** झाबुआ (मध्य प्रदेश)निवासी प्रदीप अरोरा की संदेशात्मक एवं विचारात्मक कृति ‘पग-पग शिखर तक’ का प्रकाशन हो चुका है। प्रखर गूँज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक कविताओं का सुंदर संग्रह है। प्रदीप अरोरा के कथनानुसार यह पुस्तक निराशा के दौर से गुजर रहे पाठकों के बंजर मन में उत्साह का बीजारोपण … Read more

सुबह-सी सुहानी ग़ज़लों का संग्रह `चश्मदीद`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** गगन स्वर बुक्स प्रकाशन के अंतर्गत प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह चश्मदीद शैदा आराई द्वारा लिखा गया है। शैदा आराई का मूल नाम कुमार संजय है,तथा यह आरा जिला (बिहार) के रहने वाले हैंl उन्हें यह साहित्यिक नाम शायर एवं कवि हजरत निर्दोष कुमार प्रेमी द्वारा दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी शैदा … Read more

एक कड़वा सच है `अरिष्ट पत्रम्`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में झालावाड़(राजस्थान) की वंदना शर्मा द्वारा रचित एकल काव्य संग्रह अरिष्ट पत्रम् समाज की कड़वी सच्चाई को बयान करता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह कड़वा ही होगा,मगर एक सच्चाई यह भी है कि औषधि एवं सत्य हमेशा कड़वा ही होता … Read more

मानवीय संबंधों की कहानी है `सेवा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** हिंदी साहित्य में उपन्यास का एक महत्वपूर्ण स्थान है। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उपन्यास का जन्म बंगाल की धरती पर हुआ था और श्रीनिवास दास द्वारा लिखित परीक्षा गुरु हिंदी साहित्य का प्रथम उपन्यास माना जाता है। प्रेमचंद को आधुनिक उपन्यास का जनक कहा जाता है। रेनुका … Read more

‘हर्ष’ का गुमनाम एहसास है `खामोश दर्द`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** वर्तमान अंकुर प्रकाशन के बैनर तले सम्पादक निर्मेश त्यागी द्वारा प्रकाशित प्रमोद कुमार ‘हर्ष’ की पुस्तक खामोश दर्द का एक अलग ही स्थान है। पुस्तक को प्रसिद्ध कवि एवं लेखक राजेश मल्होत्रा ‘राज’ ने सम्पादित किया है। यह पुस्तक कहानियों एवं कविताओं का मिला-जुला संग्रह है। पुस्तक में संग्रहित कविताओं … Read more

मन में संजोकर रखने योग्य है `मन की अभिलाषा`

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** बिहार की धरती में साहित्यकारों का उदभव कोई नई बात नहीं है। कहते हैं कि बिहार और साहित्य का अटूट नाता है। प्रखर गूँज प्रकाशन के सानिध्य में प्रकाशित इस एकल संग्रह मन की अभिलाषा के रचयिता डॉ.छेदीलाल केशरी भी इसका एक उदाहरण है। कैमूर बिहार के रहने वाले डॉ.केशरी … Read more