सदभावना की हो हरियाली

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** फाल्गुन मास का संदेश, ज्यों प्रकृति में आई बहार चित्त में सदभावना की हो, हरियाली,सुख-शांति की बहारl प्रकृति पुरुष का हुआ मिलन, प्रेम का चित्त में उपजा अंकुर तीनों गुणों ने रची सृष्टि, सत्-रज-तम का है बसेराl तीनों गुणों से न्यारा,है प्यारा, अनन्त अनोखा भेद निराला सदगुरू चरणों का मिला सहारा, … Read more

स्त्री वेदना को समझना होगा

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** आज विकासवाद के युग में मानव यह सोचता है कि हमने चाँद पर अपना आशियाना बना लिया,समुन्दर की गहराईयों को नाप दिया है,पर आज भी स्त्री की विडंबना तो वहीं रूकी हुई है,जो द्वापर युग में तथा अन्य युग थी। आज भी उसका अस्तित्व मिटाया जा रहा है। बलात्कार का शिकार … Read more

एक सीख

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** लोहड़ी हो या मकर संक्रांति, सीख दोनों की एक समान आओ सब प्रेम-पर्व बनाएं, सदभावना का प्रकाश फैलाएं। भीष्म का पितृ प्रेम बन गया, देशभक्ति का अटल खजाना इच्छा मृत्यु का मिला वरदान, देश सुरक्षित हो सदा मेरा तब त्याग दूंगा मैं प्राण। सुर्यदेव की रहमत बरसी, देभक्त का करते हैं … Read more

समय का पहिया

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** क्षण बीते पल बीते-बीते दिनों-दिन, बारह महीने बीते ज्यों-ज्यों आया नव वर्ष का शुभ दिन, बधाईयों की झंकार से विश्व प्रफुल्लित। उन्नीस-बीस का अन्तर कहीं पर रहा, कहीं-कहीं पर हो रही है पौ बारह नौ दो ग्यारह हो गये पाकिस्तानी, भारतीय सेना का हो रहा जयकारा। अतीत काल का तांडव इतिहास … Read more

राष्ट्रहित में सम्मान करना चाहिए कानून का

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** मुद्दा ‘नागरिकता संशोधन कानून’………. नागरिक कानून हम सब देशवासियों के लिए,नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह अपने देश की सबसे बड़ी हानि कर रहे हैं। जो इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं,वह अपने देश का नुकसान ही कर रहे हैं,क्योंकि हम राष्ट्र … Read more

नारी की पीड़ा

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** युग युगान्तरों का है नारा, जहाँ नारी की हो पूजा देवताओं का वास वहां, भारत माता की धरा पर क्यों होती अग्नि परीक्षा ?यह कहावत-कहावत रही, नारी भोग का भक्षण क्यों हुई कहीं लुटा कही दहेज की बलि, द्यूत के दांव पर क्यों लगी ? नारी ही क्यों दे अग्नि परीक्षा! … Read more

तीन रुपये का व्यय

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** एक राजा था। वह परा विद्या(अध्यात्म विद्या) का ज्ञाता था। एक दिन उसने अपने राज्य में ढिंढोरा पिटवाया,और सभी प्रजावासियों को महल में एकत्रित होने के लिए आमंत्रित किया।सभी प्रजावासी और राजा के मंत्रीगण भी महल में आ गए। राजा ने सभी प्रजावासियों और मंत्रियों को तीन-तीन रुपये दिए और कहा-तुम … Read more

सोच ही सूर-असुुुर

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. जिन्दगी कर्मों का बंधन है, मानव आता-जाता यहीं है जिसकी गोदी में पलता है, उससे भाषा का ज्ञान मिला है ईश्वर की है निर्मल यह रचना, ना प्रकृति ने किया फर्क है जहाँ बसेरा हुआ है तेरा, उसी का तू वासी हैl जिन्दगी कर्मों का बंधन … Read more

शिक्षा में रामायण और गीता जरुरी

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** भौतिकवाद के युग में हम विकास की बुलंदियो को छू रहे हैं,और विश्व स्तर पर भौतिक विकास में चार चाँद लगा दिए हैं। तकनीकी के क्षेत्र में भी भारत विश्व स्तर पर अग्रणी है,लेकिन इतना होने पर भी मानव अशांत है। शांति का बीजारोपण कैसे हो, उसका साधन क्या है ? … Read more

`लौह पुरूष` की गाथा

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** लौह पुरुष की गाथा तुम्हें सुनाएं- गुजरात की पावन धरा पर जन्मा एक वीर महान, झावेर भाई पटेल का पूत माता लाड़बा देवी की सन्तान, अग्रज विट्ठल,नरसी,सोमा का अनुज धरा पर आयाl स्वाध्याय में बड़ा निपुण, पाई है उत्तम शिक्षा बैरिस्टर बन भारत लौटा, माता-पिता का मस्तक ऊँचा क्रांति का तूफान … Read more