किताबें भी दिमाग रखती हैं

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं। जिंदगी के, अनगिनत हिसाब रखती हैं। किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं... किताबें जिंदगी में, बहुत ऊंचा मुकाम…

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सरिता

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सरिता- सरिता ये धमनी शिरा,मान भारती शान! गंगा यमुना नर्मदा,चम्बल सोन समान! चम्बल सोन समान,सरित धरती सरसाती! बने नहर बहु बन्ध,फसल धानी लहराती! शर्मा बाबू लाल,सजी…

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बारिश:गाँव और शहर

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* बारिश! तू ठण्डी हवा के साथ, अभी शहर में ही रह। जहाँ ए.सी. चलाकर फैलाया जा रहा हो प्रदूषण, जहाँ दोपहर के जाम में फँसकर…

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समर्पित जीवन की रवानी ‘नारी’

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अपने-आप में, एक सम्पूर्ण कहानी इसी का नाम है नारी। जीवन की संवेदना, मर्म की मूक निशानी। भाव-मय, ममता-मूरत। समर्पित जीवन की रवानी, इसी…

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नेह नीर मन चाहत

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचनाशिल्प:१६,१२ मात्राएँ,चरणांत में गुरु गुरु,२२,२११,११२,या ११११) ऋतु बसंत लाई पछुआई,बीत रही शीतलता। पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता। नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण। तितली मधु…

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वीणा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वीणा- वीणा में स्वर है नहीं,होती निश्चल मौन! होता वादक मौन है,स्वर देता है कौन! स्वर देता है कौन,कहाँ से ध्वनि आ जय भारत जय भारत…

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अन्वेषक महानायक राजा भोज और उनकी ज्ञान साधना

प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन (मध्यप्रदेश) **************************************************************** भारत में ज्ञान साधना की अटूट परम्परा रही है। सदियों से अनेक मनीषियों ने अन्वेषण के सिलसिले को बनाए रखा है। इस परम्परा में…

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कौन…!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अनगिनत लहरें आती हैं, बहा के मुझे अनंत में ले जाती है। यह कौन...? उस शून्य से पुकारता है...मुझे, यह कौन...............? उस राह से…

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एकता

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* अब हमारे गाँव में एकता नहीं रही, इन्सानों के दिल में नेकता नहीं रहीl होलिका दहन करते थे सब साथ मिलकर, अब खर-कतवार जुटाने की…

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कुनबा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कुुनबा- बातें बीती वक्त भी,प्रेम प्रीत प्राचीन। था कुनबा सब साथ थे,एकल अर्वाचीन। एकल अर्वाचीन,हुए परिवारी सारे। कुनबे अब इतिहास,पराये पितर हमारे। शर्मा बाबू लाल,घात प्रतिघात…

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