शरद ऋतु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सर्दी का संकेत हैं,शरद पूर्णिमा चंद्र। कहें विदाई मेह को,फिर आना हे इन्द्र। फिर आना हे इंद्र,रबी का मौसम आया। बोएँ फसल किसान,खेत मानो हरषाया। शर्मा बाबू लाल,देख मौसम बेदर्दी। सहें ठंड की मार,जरूरत भी है सर्दी। मौसम सर्दी का हुआ,ठिठुरन लागे पैर। बूढ़े और गरीब से,रखती सर्दी बैर। रखती सर्दी … Read more

मोहन के प्रेम रंगो

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* प्रेम करो मोहन से, जहां खुशियां बिलसे। मोह माया छोड़ राधा, चरणों में जाइए॥ मोहन के प्रेम रंगो, ज्ञान तिमिर से जगो। मुरली की तान सम, मन में बजाइए॥ सुमन से काम करो, दु:ख भाव नाही धरो। भगवत भजन को, उर में समाइये॥ मोह उर से निकाल, कुकर्म न होय … Read more

चंद्र,इन्द्र…हम

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंद्र इंद्र नभ देव,सदा शुभ पूज्य हमारे। हम पर रहो प्रसन्न,रखो आशीष तुम्हारे। लेकिन मन के भाव,लेखनी सच्चे लिखती। देव दनुज नर सत्य,कमी बेशी जो दिखती। क्षमा सहित द्वय देव,पुरानी बात सुनाऊँ। लिखता रोला छंद,भाव कुछ नये बताऊँ। शर्मा बाबू लाल,सुनी वह तुम्हें सुनाता। बीत गया युग काल,याद फिर से आ … Read more

ले जा तू सलाम मेरा

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** ससुराल से बेटी का सन्देश- पुरवइया जाना मेरे बाबुल के देश रे, ले जा रे सलाम मेरा ले जा सन्देश रे- थोड़ी धीमी-धीमी चलना,थोड़ी सहमी-सहमी चलना, घूँघट गोरी का उड़े न,मिट्टी आँख में गिरे न। तुझको अपना सा दिखेगा परिवेश रे… पुरवइया जाना- गाँव की सीमा पर मिलेगी,माता सती निहाली, … Read more

`जनता के राष्ट्रपति` भारत रत्न अब्दुल कलाम की यादों का गुलदस्ता

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** १५ अक्टूबर जन्मदिवस विशेष…………….. मिसाइल मैन,देश के प्रसिद्ध अभियन्ता व भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को धनुष कौड़ी ग्राम रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। वे एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्मे थे। इनके पिताजी मछुआरों को नाव किराये पर देने का काम करते थे। … Read more

तुलसी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिव्य छंद तुलसी रचे,भारत हुआ कृतज्ञ। मैं,उनके सम्मान में,दोहे लिखता अज्ञll हुलसी तुलसी गंध-सी,सेवित तुलसीदास। भाव आतमा राम से,मानस किया उजासll नरहरि जी सद्गुरु मिले,पायक हनुमत वीर। रत्नावली से राम का,मिला पंथ मति धीरll मानस-मानस में रखे,पहचाने अरि मित्र। तुलसी ने अनुपम रचा,रघुपति राम चरित्रll सन्त असन्त विवेचना,नारि धर्म,नर कर्म। मानस … Read more

साधु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ऐसे सच्चे साधु जन,जैसे सूप स्वभाव। यह तो बीती बात है,शेष बचा पहनाव। शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली। जियें विलासी ठाठ,सुनें तो बात निराली। कहे ‘लाल’ कविराय,जुटाते भारी पैसे। सुरा सुन्दरी शान,बने स्वादू अब ऐसे। टोले साधु सनेह जन,चेले चेली संग। कार गाड़ियाँ काफिला,सुरा सुन्दरी भंग। सुरा सुन्दरी भंग,विलासी भाव … Read more

झिझक

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** झिझक मेरी,झिझक उसकी, सिले लब,ना हुई बातें, तसव्वुर में,फिर इक-दूजे से, बतियाते कटी रातेंl किया वादा ये खुद से खुद ही, कि मैं अब न झिझकूँगा, मिलूँगा जब,बयाँ उसको, हाले-दिल सब मैं कर दूँगा मगर जब फिर मिले,तो यूँ मिली नजरें,हुआ फिर ये, अदब से मेरी और उसकी हया … Read more

बनाओ सबको अपना मीत

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* जीवन है सबका संगीत, बनाओ सबको अपना मीत। बचपन कितना सुंदर होता, कल्मष कभी न मन में बोता। हर क्रीड़ा लगती है मानो, बन रहा कोई नया संगीत॥ जीवन है… जीवन को परमार्थ लगाओ, नैराश्य न मन में कभी लाओ। ईश चरण में ध्यान लगाकर, गाओ जीवन में मधुरिम गीत॥ … Read more

मेला

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मेला आया भाई मेला आया, चाट-पकौड़े का ठेला आया… कितना सुंदर कितना प्यारा, त्योहार बड़ा अलबेला आया। सजी खिलौने की दुकान, एक से बढ़कर एक सामान… रंग-बिरंगे गुब्बारों से, ढक गया है आसमान। सर्कस और मदारी देखो, जोकर और जुआरी देखो… तरह-तरह के झूले देखो, सारी छवि न्यायी-न्यारी देखो। हम … Read more