इक निगाह माँगते हैं
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रहें कैसे जिंदा हम सलाह माँगते हैं।मौत से कह दो एक गुनाह माँगते हैं। तेरा झूम के खिल-खिल अदा से हँसना,गुले-गुलशन इक निगाह माँगते हैं। बिखरते मोती रुखसार पे जुल्फों से,आवारा बादल तुमसे पनाह माँगते हैं। पलकों में बेआसरा एक बूंद अब्र की,तुमसे रहने को ख्वाबगाह माँगते हैं। जहाँ के लिए भरे दिल … Read more