आ फिर से तू

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तू डाल-डाल,वो पात-पात छुपीअस्तित्व पट। पँखे में फंसी,पँख और तिनकेबेहाल गर्मी। स्वर्ण-सी काया,बंधित विचरणसमाप्त माया। बच्चे पूछे है,चित्र किस प्राणी कापक्षी थे कभी। आ फिर से तू,फुदकती रहनाचुनचुन…

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केदारनाथ सिंह की काव्य संवेदना-विविध पक्ष

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ केदारनाथ सिंह के काव्य में पर्यावरणीय चिंता, प्रकृति और जीवन के उल्लास का अहसास तो है ही,हिंदी काव्य धारा में गीतकार के रूप में कवि जीवन…

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तू देव शक्ति

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** श्वांस-श्वांस सुगन्ध-सी,स्पर्श कोमल पुष्प-सीनारी क्या है तू ये बता!नारायणी या रूपसी। नर कभी बना देव,बना कभी कालिदासकभी सती का शिव है,बना कोई सुकरात। कोई बना रावण तो,है कोई…

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ॐ नमः शिवाय

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** महाशिवरात्रि विशेष........... शोभित शीश शशि रहे,जटा जुट गंगधार,भक्तन शिव कृपा करे,नमामि बारम्बार। शम्भू बाघम्बर सजे,सदा से आशुतोष,विश्व भार ले विष गले,ध्यानमग्न संतोष। कंठ भुजंग है लिपटे,नन्दी करे सवार,कैलाशी…

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एक चाहत,एक हिम्मत और एक औरत

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)*********************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… हर बार की तरह आ गया फ़िर ८ मार्च,प्रोफाइल,बॉयोडेटा तैयार होने लगेमुझे भी आमंत्रण के संदेशे आने लगे,अलमीरा पर नज़र खुद-ब-खुद चली गईएक…

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हिय जले न दुर्वचन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मन का आपा खोने को,बहुत रखे विकल्प।शीतल चंदन बोले,ऐसे हों शब्द संकल्प॥ जलानी पड़ी कितनी,लकड़ी यत्र सर्वस्त्र।हिय जले न दुर्वचन,सुख का यही है मंत्र॥ निज देखे स्वयं वाणी,कि…

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हमारी उन्नत हिंदी भाषा…

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. हिंदी समृद्ध भाषा है,हिंदी उन्नत भाषा है,भाषा के गुण है सभी,करते क्यों रार है। सभी भाषा है सुंदर,बोली प्रेम समुंदर,सबमें रस मिठास,नहीं तकरार…

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‘धूमिल’ का काव्य संसार-भाषा और शिल्प की नई जमीन

डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ धूमिल ने समाज में स्थित बेकारी,दारिद्र्यता, सामाजिक अनिष्ट रूढ़ियाँ,नारी विषयक दृष्टिकोण, दलितों की स्थिति अनेक समस्याओं से ग्रस्त ग्रामीण जीवन आदि अनेक समस्याओं को अपने काव्य…

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चमक रहा है भारत

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** बदल रहा है भारत,नई-नई तकनीकीयों के बीचअपने-आपमें निखर रहा है भारत।मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक,अपनी उड़ान भरकरचमक रहा है भारत।विमुद्रीकरण को लाकर,भ्रष्टमुक्त देश की ओरबढ़ रहा है भारत।ज़माखोरों पर…

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प्रिय तुम हो बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रिय तुम हो बसन्त,मैं बसन्ती बयार मदिर मंद-मंद। प्रिय तुम धरा में घुली सुगन्ध,मैं तुम्हारे रंगों में रँगी हुई केसरी रंग। प्रिय तुम हो मादक छंद,मैं हूँ तुम्हारी…

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