ताजमहल
बिमल तिवारी ‘आत्मबोध’देवरिया(उत्तरप्रदेश)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से ना शाहजहां की चाह महल है,ये ना कोई दरगाह पहल हैछूकर देखो इसके पत्थर को,इसमें जिंदा मुमताज़ महल है। चाहत की ना ये बस निशानी,इसमें सोई है इक शोख़ जवानीजिसकी धड़कन सुनता है आकर,पीर,फ़क़ीर,गमज़दा या आह रूहानी। इसकी नक्काशी बयां है परी का,जिसमें अंकित फ़रमान ख़ुशी … Read more