वही सबका रखवाला है
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** क्या खेल समय ने खेला है, जग में ‘कोरोना’ का मेला है। सबके साथ भी नर अकेला है, क्या खेल समय ने खेला है…। ईश्वर का खेल निराला है, सब ओर मकड़ी का जाला है। कोरोना ने डेरा डाला है, धर्म घरों में लटका ताला है…। अब उजाला भी लगता … Read more