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कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी

नवेन्दु उन्मेष
राँची (झारखंड)

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ताजमहल का दीदार करने के बाद अहसास हुआ होगा कि हम भारतीय किस प्रकार दुनिया को मुहब्बत का पैगाम देते हैं। यहां तक कि मुहब्बत की मीनार भी खड़ी करते हैं जो दुनिया को बताता है कि,मुहब्बत केवल हम भारतीय ही दे सकते हैं। ट्रम्प ने अपनी बीबी के साथ ताजमहल के परिसर में तरह-तरह से तस्वीरें भी खिंचवाई।
इससे पहले मुहब्बत की निशानी ताजमहल को देखने के लिए खाड़ी देशों के बड़े-बड़े शहंशाह से लेकर कम्युनिस्ट शासित देशों के राष्ट्राध्यक्ष तक आ चुके हैं। इसे देखने के बाद कई राष्ट्राध्यक्षों ने सोचा होगा कि शायद वे
अपनी बीबी के लिए भी ऐसा महल बना पाते।
हालांकि,ट्रम्प को मालूम होना चाहिए कि भारत में प्रेम में वशीभूत होकर लोग जिगर से बीड़ी भी जला लेते हैं। इसीलिए फिल्म का गीत लिखा जाता है-‘बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया,जिगर में बड़ी आग है।‘ इससे जाहिर होता है कि हमारे यहां के लोगों में मुहब्बत की आग कितनी तेजी से जलती है कि इससे बीड़ी भी जल जाती है। जिगर की आग से जली हुई बीड़ी से यहां के गरीबों की गरीबी भी मिट जाती है। दूसरी ओर एक शायर ने ताजमहल के बारे में लिखा है कि ‘एक शहंशाह ने दौलत का सहारा लेकर हम गरीबों की मुहब्बत का उड़ाया है मजाक।‘ मतलब साफ है कि यहां के शहंशाह दौलत का सहारा लेकर गरीबों की मुहब्बत का भी मजाक उड़ाया करते हैं। वैसे पटना के ‘लव गुरु’ ने भी बुढ़ापे में मुहब्बत का मजाक उड़ाने का ही तो काम किया है। उनकी प्रेमिका विदेश में इलाज के लिए तरस रही है । एक समय था जब लव गुरु अपनी प्रेमिका के साथ टीवी चैनल पर लोगों को प्रेम का पाठ भी पढ़ाया करते थे,लेकिन अब उनके प्रेम का नशा उतर चुका है।
वैसे,हमारे देश में कई ‘लव बाबा’ भी मौजूद हैं,जो अब अपनी करतूतों की वजह से जेल की सलाखों के पीछे हैं। जेल जाने के बाद अब उन बाबाओं के प्रेम का नशा भी उतर चुका है। वे अब जेल से बाहर आने के लिए मछली की तरह छटपटा रहे हैं। पंडित नेहरू ने भी दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाने का प्रयास किया था और गुटनिरपेक्ष आंदोलन खड़ा करके ‘हिन्दी चीनी, भाई-भाई’ का नारा दिया था। तब चीन ने हमारे प्रेम पर डाका डाला और आक्रमण कर दिया। प्रेम पर डाका डालने का काम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी तो किया था। हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस की सवारी कर प्रेम का पैगाम लेकर लाहौर तक गए थे,लेकिन उनके प्रेम को नवाज ने तुच्छ समझकर करगिल पर चढ़ाई कर दी। हालांकि श्री वाजपेयी ने भी नवाज को प्रेम का ऐसा पाठ पढ़ाया कि उन्हें मुँह की खानी पड़ी। इससे जाहिर होता है कि हमारे देश के लोग प्रेम पुजारी का आदर जरूर करते हैं,लेकिन प्रेम पर डाका डालने वालों को सबक भी सिखाते हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रम्प की बेटी और पत्नी की उम्र को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं,लेकिन इस तरह के सवाल खड़े करने वालों को अपने देश के कई बूढ़े नेताओं से भी पूछना चाहिए कि उन्होंने आखिर खुद से बीस-तीस साल छोटी उम्र की लड़कियों से प्रेम और बाद में विवाह क्यों किया। बुढ़ापे में प्रेम के चक्कर में कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी को राजभवन छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था। प्रेम का हमारे देश में ऐसा घनचक्र चला कि विदेश में बीमारी का इलाज करा रहे अमर सिंह को भी अस्पताल से अमिताभ बच्चन से माफी मांगनी पड़ी। सोशल मीडिया पर ट्रम्प की पत्नी को लेकर सवाल खड़े करने वालों को खुद सोचना चाहिए कि हमारे देश में अयोध्या के राजा दशरथ प्रेम के सबसे बड़े पुजारी थे। एक साथ तीन-तीन रानियां रखते थे। एक रानी के कहने पर अपने बड़े बेटे और बहू को वन भेज दिया था। ट्रम्प के भारत दौरे पर कहा जा सकता है कि-‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा।‘

परिचय-रांची(झारखंड) में निवासरत नवेन्दु उन्मेष पेशे से वरिष्ठ पत्रकार हैंl आप दैनिक अखबार में कार्यरत हैंl

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