मत जाओ परदेश
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** दूर के ढोल सुहावने लगे, गाँव से लोग शहर में भागे। शहर तो है ज़हर का डब्बा, बेलगाम है बेगम का अब्बा। पैसे वाले सब…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** दूर के ढोल सुहावने लगे, गाँव से लोग शहर में भागे। शहर तो है ज़हर का डब्बा, बेलगाम है बेगम का अब्बा। पैसे वाले सब…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** आओ मिलकर करें विदाई, हँसकर वर्ष उन्नीस की। स्वागत भी हो उसी धुन में, नव वर्ष इस बीस का॥ कर लें हम पूरे अपने कर्म,…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा विशेष……… आज भी ओ(वो)दिन जब याद आता है,तो मन मगन हो जाता है। कड़ाके की ठंड में हम ठिठुर-ठिठुर कर…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** पावन देश है हमारा, पावन देश है हमारा। तिरंगा लहर-लहर लहराए, भारत माँ का मन मुस्काए। पवन पंखा डोलाए, मेघ पानी पिलाए। सुंदर नदी का…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** मधुर वचन है औषधि,यूँ ही ना मुँह खोलिए, बड़े-छोटे का लिहाज कर,कुछ भी मत बोलिए। मधुरता के अभाव में,बने ना एक भी काम, अपनाये जो…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** यह सुनकर छाती धधक उठती है कि,हमारे देश भारत वर्ष में जिसे ऋषि-मुनियों की धरती कहा जाता है,`धर्म नगरी` कहा जाता है,`बुद्ध भूमि` कहा जाता…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** `दिशा` काली बनकर आओ ना, पाप बढ़ा है पवित्र धरा पर आकर तुम ही इसे मिटाओ ना, `दिशा` काली बनकर आओ ना। पापियों का संहार…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** मिट्टी में गुण बहुत हैं, हरदम इसका मान करें हमें भी इसमें मिलना है, खुद पर ना अभिमान करें यह हरदम हँसती रहती है, कहीं…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** वर्षा गई अब मेरी बारी..., जल्दी से कर लो तैयारी ओढ़ो कंबल और रजाई, नहीं तो प्यारे ठंड लग जाई छोड़ो अकड़ चादर लो पकड़,…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** कोई ना किसी को दु:ख देता, व्यवहार से मन को हर लेता नर के गम को नर हर लेता, सभी हँसते कोई ना रोता... काश!…