मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….
भारत माँ के प्यारे वीर,
भारत की हैं जो तकदीर।
देश भक्त कहलाने वाले।
वतन पे जो मर जाने वाले॥
हिंद की शान कहाने वाले।
अपना फर्ज निभाने वाले॥
वतन के बेटे जो रणधीर।
मातृभूमि मतवारे वीर।
भारत माँ के प्यारे वीर।
भारत की हैं जो तकदीर॥
अपना झंडा वीर तिरंगा।
सरहद पर लहराए तिरंगा॥
लहराए जब तक वहे गंगा।
वीर करत रण में रण रंगा॥
वतन की रक्षा करते वीर।
जीवन अर्पण करते वीर॥
भारत माँ के प्यारे वीर।
भारत की हैं जो तकदीर॥
हिंद देश की पावन वादी।
हम सबको है प्यारी वादी॥
हैं वीर जिसके फौलादी।
मर मिटते हैं वीरता वादी॥
वीर वतन के हैं वन रणधीर।
हैं वो वीरता पाते वीर॥
भारत माँ के प्यारे वीर।
भारत की हैं जो तकदीर॥