कुल पृष्ठ दर्शन : 149

उम्र के पड़ाव को समझें

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

********************************************

उम्र ने हमें बता दिया कि,
अब शालीनता से जीयो।
भले ही तुम अपने को,
जवान समझते हो।
अंदर से आया है जो पैगाम, 
वही जीवन की हकीकत है।
इसलिए हकीकत का, 
दिल से तुम करो सम्मान।
और अपनी ऊर्जा को,
उम्र के अनुसार करो उपयोग।
यही तो उम्र का तुम्हें,
सही आया है पैगाम।
समझ लो तो सही यारों,
नहीं तो वक्त समझा देगा।
किये जो तुमने कर्म, 
उन्हीं का फल सामने आएगा।
और जीवन का पूरा चक्र,
तुम्हें समझ आ जाएगा।
इसलिए ज्ञानी लोग,
जो कहकर गए हैं पूर्व में-
जैसे कर्म करोगे तुम,
मिलेगा वैसा ही फल।
हकीकत मैं अपनी,
आज बयां कर रहा हूँ।
लगा है उम्र का मुझे, 
आज बड़ा ही झटका।
इसलिए संभलने को,
 मैं अपनों से कह रहा हूँ।
समझ जाओ तो सही,
नहीं तो बहुत पछताओगे।
और फिर मेरी बातें तुम्हें,
निश्चित याद आएगीll 
परिचयसंजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

Leave a Reply