अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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श्रेष्ठ है भक्ति
ईश्वर मिलन में
न दिखे शक्ति।
मन की बात
करो ईश से सदा
वह जानता।
व्यर्थ का रोग
दिखावा खुशी नहीं
न करो ढोंग।
हर लो पाप
प्रभु सब देखता
पुण्य लो आप।
बनें मानव
माँ सबको दे बुद्धि
न बन दैत्य।
कल्याण करो
संहार करती माँ
देवी से डरो।
हो धर्म राह
बुरा करो न कभी
यही हो चाह।
जुल्म न सहें
विरोध की आवाज
खूब उठाएँ।
मन की सुनें
सब मदद करें
इंसान बनें।
बुराई त्यागें
साथ दें अच्छाई का
सच से जागें॥