कहाँ हो आप शांति ?

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************************************ विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… विश्व ढूंढे आज शांति को-खोये हैं जिसको उच्चाशा,जब-तब रहेगी प्रतिस्पर्धाशांति कहां से आएगी ?भारत के ही ऋषि-मुनि,कठिन जप-तप से-सुनाए थे शांति की वार्ता,जन-जन को विश्व की।रहो सब लोग मिलकर,भाईचारा कौमी एकता बनाकरसबके ऊपर इंसान ही सच है,इस बात को मानकर।धर्म अनेक जात-पात कोसृजित किए हो तुम्हीं … Read more

दृढ़ संकल्प अब करना होगा

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश)******************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… धर्म के नाम पर दिलों में,क्यों नफरत फैलाते हो ?दो गज ज़मीन की खातिर,क्यों ज़मीर अपना गिराते हो ?अपने वर्चस्व की खातिर सरहद पर,क्यों चिराग किसी के घर का बुझाते हो ?दुवेष मन में भर कर,क्यों आतंकी हमले करवाते हो ?इसका परिणाम होता दु:खदायी,फिर क्यों ये … Read more

विश्व में शान्ति की पहल जरुरी

तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) *************************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… विश्व शांति हेतु अथक प्रयास हैं जरूरी,विश्व शांति हेतु ना हो कोई रुकावट,ना मजबूरी।इसके लिए ना होने पाए हावी कोई लाचारी,विश्व शांति हेतु अथक प्रयास हैं जरूरीll विश्व हमारा है तो शांति के लिए प्रयास भी हमारे होंगे,विश्व शांति के लिए ठोस क़दम उठाना होगा।शान्ति के … Read more

क्यों यह दहशतगर्जी का खेल…?

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… शायद मैं थोड़ा उद्विग्न हूँ…,कह सकते हो कि मैं कृतघ्न हूँ।सिर्फ आह भरकर रह जाती हूँ…,सिर्फ आँख नम कर लेती हूँ।जब कायराना हरकत होती है…,मन ही मन दुःखी होती हूँ।दर्द का अंदाजा कैसे लगाएं…,जब हम खुद नींद भर सोएं।उजड़ी मांगों की दर्दीली कहानी…,तड़पती माँ के सीने की रवानी।बिलखते … Read more

विश्व शांति की स्थापना में चरित्र निर्माण की महती भूमिका

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************************* विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष……        कोलकाता की पावन भूमि पर जन्मे बांग्ला भाषा के विश्वविख्यात कवि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक ऐसे विश्व की कल्पना की थी,जहाँ मनुष्य का मस्तिष्क भयमुक्त हो और सर सदैव ऊँचा रहे। उनकी सुप्रसिद्ध पुस्तक `गीतांजलि` की यह प्रथम रचना है, वे लिखते हैं-`व्हेयर द माइंड इज … Read more

राष्ट्रभाषा बने एक दिन

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ************************************************** सारी जनता भारत की जब,इसको गले लगाएगी।विश्वगगन में हिंदी ऊँचा,तब परचम लहराएगी॥ हिंदी के पहरेदारों से,मेरी सतत यही आशा।राष्ट्रभाषा बने एक दिन,हिंदी ये है अभिलाषा॥हिंदी में साहित्य सृजन ही,नई भोर को लाएगी।विश्व गगन में हिंदी ऊँचा,तब परचम लहराएगी…॥ हिंदी को माँ समझने वालों,हिंदी में व्यवहार करो।लिखना-पढ़ना हिंदी में हो,मत … Read more

सफर कठिन है

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** पग-पग पर काँटे बिछे,चलना हमें पड़ेगाकठिन इस दौर में,हमको संभलना पड़ेगा।दूर रहकर भी अपनों से,उनके करीब पहुंचना पड़ेगाऔर जीवन के लक्ष्य को,हमें हासिल करना पड़ेगाll जो चलते हैं काँटों पर,मंजिल उन्हें मिलती हैऔर दु:ख के दिन बिताकर,सुख में प्रवेश करते हैं।और अपनी सफलता को,मेहनत-लगन का नाम देते हैंऔर जिंदगी की सच्चाई,खुद बयाँ … Read more

परिधान

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)********************************************************* एक बार एक धोबी की दुकान पर नेता,अभिनेता,संत और किसान सभी के वस्त्र धुलने को आए। नेता,अभिनेता और संत के वस्त्र अपने अपने मालिकों की बढ़-चढ़कर तारीफ कर रहे थे। नेता जी के वस्त्र बोले,-“मेरा मालिक कलफ लगे सफेद चुन्न…टदार कुर्ता-पायजामा और जैकेट पहन कर हीरो की तरह लगता है। जनता उसका … Read more

दोयम दर्जा

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************************* एक दिन मैं अपनी सहेली श्रुति से मिलने गयी,वो एक इंग्लिश मीडियम हाईस्कूल में हिंदी की शिक्षक है l मैं जब उसके घर पहुँची तब वो नौवीं और दसवीं कक्षा के हिन्दी के पर्चे जाँच रही थीl बातों ही बातों में मैंने भी एक बच्चे का पर्चा उठा लिया और पढ़ने लगीl आश्चर्यजनक…उस … Read more

आँसू

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** मुझे सोने नहीं देते,जगाते रातभर आँसू,मिला कैसा सिला मुझको,बताते रात भर आँसू।सुबह मुस्कान होंठों पर सजा लेता हूँ मैं अपने-छिपाकर दर्द अपनों से,बहाते रातभर आँसूll परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व वर्तमान बसेरा मैगलगंज (खीरी,उप्र)में है। इन्हें हिन्दी व … Read more