नारी तेरे रूप अनेक
मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… अनेक रूप हैं नारी तेरे, पूत जनन कर,जननी कहाती स्नेही,करुणामयी,मूरत तेरी, संकटों से न,तू घबराती। अपने आत्मसम्मान के लिए, लड़ जाती,सारे जग से सबला बनकर,जीवन जीती, तुझमें धैर्य की खान,है भरी। बेटी,बहन,माँ,का रूप धरती, संबंधों के सूत्र में ढलती पुरुष संगिनी,बनकर नारी, अपना फर्ज,नित पूरा करती। … Read more