पाओ मुस्कान का अर्श
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सिमट रहे हैं रिश्ते,समय कर रहा प्रेम को धूलरिश्तों में फासले,हर बात में अब बस शूल। समाज की चिंता,आँधी बदलाव की उड़ा रहीसंवेदनाओं की चादर,छिन गया है…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सिमट रहे हैं रिश्ते,समय कर रहा प्रेम को धूलरिश्तों में फासले,हर बात में अब बस शूल। समाज की चिंता,आँधी बदलाव की उड़ा रहीसंवेदनाओं की चादर,छिन गया है…
डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** तुम चाहते होंगेमेरे मन में झांकनापर तुम्हारी कोशिश,अधूरी की अधूरी रह जाती होगीतब कह देते होंगे,मेरा मन बहुत गहरा है। तुम्हारा, मेरे मन में झांकना,तब…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हिज़्र का गम बना रहा जिनसे,जिक्र उनका नहीं गया दिल से। हम मनाते रहे सदा दिल को,दिल कहे आज तो मिला उनसे। बात जज्बात की…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** नहीं पढ़ी थी गाथा हमने अमर शहीद भगत सिंह की,नहीं पढ़ी थी गाथा हमने अमर शहीद राजगुरु कीनहीं पढ़ी थी गाथा हमने अमर शहीद सुखदेव…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* उस आश्रय को पाकर मेरे मन में, छोटी-सी एक चाह उठी हैअहसासों की अपरिमितता में, चिड़िया जैसी चहक उठी हूँ। आकर मेरे मन-आँगन में, गहरी…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* कल रात आई थी तुम तो सपने में,मैं तो खोया था आप ही अपने में। हुई ढेर सारी बातें और पुरानी यादें,रोती-हँसती-गाती, सारी मुलाकातें।…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ टूट गया हूँ मैं अपने दुखों से, फिर भी हारा नहीं हूँ मैंदर्द बहुत दे दिया है ज़माने ने,इतने कम समय मेंपर इन दुखों से…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** तू है प्रभु पारस,कलुषित है मेरा तन-मनएक बार ही छू ले तू अगर,मन हो जाए कंचन। वृक्ष बना ले मुझको प्रभु,जैसे पेड़ हो चंदनलिपटी रहूं सर्प सम…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* शब्द रूठे,ताल टूटेलय छूटे। शब्दों को पिरोने की,कोशिश जारी हैक्यों लगता अब ये भारी है ? हर मोड़ पर धोखा मिला,जिसे अपना समझ करहर पल भरोसा…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जिंदगी के अनवरत हर जख़्मों सितम, दर्द को दिल में छिपाना चाहिएढाए कयामत बेवफा-ए-ज़ख़म, सलामत दिल में समाना चाहिए। सफ़रनामा जिंदगानी अहसास मन, वक़्त…