भक्ति में भाव मिलते हैं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** शक्ति, भक्ति और दिखावा... भक्ति में भाव मिलते हैं,ईश्वर के प्रति लगाव मिलते हैंकर्त्तव्य पथ पर चलने वालों को,घर-घर में ठहराव मिलते हैं। कितना भी कोई कर…

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माटी के पुतले

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* ओ मूर्ख नादान माटी के पुतले, तुझे कितना गुमान हैजगत में कुछ नहीं है तेरा, फिर भी तुझे अभिमान है। ओ नादान माया की नगरी में,…

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माँ शेरावाली दे अखंड उल्लास

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जय दुर्गा गौरी माँ, जल्दी अब आ मेरी माँ,महंगाई बढ़ी तमाम, न तू कर पूर्ण विरामनिर्धन की नींद हराम, तू ही दे कुछ आराम,मचा हाहाकार-कोहराम…

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देवी कौशिकी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* देवी कौशिकी हैं माँ चामुँडी,भक्तों का रक्षण माँ हैं करतीमाँ पार्वती की कोशिका से उत्पति,कौशिकी हैं शक्तिरुपिणीरूपवती साँवली सलोनी देवी। जानते थे प्रभु शिव शंकर,माँ…

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गोविन्द नाम भजते रहियो

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** शक्ति, भक्ति और दिखावा... गोविन्द गोविन्द राधे हरि हरदम भजते रहियो।जाँहि बिधि जीवन चले, वही तुम चलाते रहियो॥ जो भी देवे प्रभु तुझको, हाथ वही तू गहियो,देख…

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फल संविधान से पके हुए…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** पेड़ के ऊपर बैठकर तुम,पेड़ की डाल को काट रहेबुद्धिमत्ता कहकर इसको भी,पाँव कुल्हाड़ी मार रहे। 'अजस्र' इतिहास के जख्मों भरना,काम समय का होगा…

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माँ दुर्गा आती है मायके

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* चले जब मृदु पवन कांस फूल डोले वन वन,पर्वत के ऊपर से श्वेत झरना बहे छम-छमलगे जैसे शरद ऋतु उतरे हर आँगन,हरसिंगार महक उठे प्रति क्षण।…

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बनो सहारा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जिसकी ममता की छाँव तले हम,जन्मे जीवन तन श्वांस सृजित हैंपावन नैनाश्रु जल से नहाकर हम,वक्षस्थल स्नेहिल क्षीर पलित हैं। बचपन लालित-पालित ममतांचल,निर्भय नटखट…

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तेरे आने से

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* 'तेरे आने से' श्याम, भूल जाती हूँ घर का काम,जाने कैसा जादू किया, जपती हूँ सदा तुम्हारा नाम। श्याम तुम्हारे ही कारण, सदा हो जाती हूॅ॑…

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चलें धर्म की राह सदा

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** शक्ति, भक्ति और दिखावा... त्योहारों का है देश हमारा,होते यहाँ कितने व्रत-अनुष्ठानयह त्योहार, अलग कुछ हटकर'नवरात्रि' स्त्री शक्ति प्रधान। मानवता का पाठ पढ़ाता,धर्म सनातन अपना महानरावण पर…

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