आ गई है मेरी माता

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शक्ति, भक्ति और दिखावा... नव रूप लेकर आई है, मेरी माता,अपने बच्चों की है, भाग्यविधाता। पूजा-अर्चन की घर-घर हुई तैयारी,स्वर्ग से आईं माँ, करके शेर सवारी।…

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तुमको कोटि प्रणाम

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** भक्ति, शक्ति और दिखावा... हे शक्ति! हे महिषासुर मर्दिनी!तुमको कोटि प्रणामआयी हूँ दर पर तेरे,छोड़ के सारा जहान। मन मेरा पावन हैजैसे गंगा की धार,चरणों में…

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सांत्वना बेकार

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सृष्टि चक्र की ओ शाश्वत शिल्पीनी,नारी-नर की सुदृढ़ सबल आधारमिले तो जीते जी प्रेम मिले तुझको,मर कर समाज की सांत्वना बेकार। चील-कौवों सी नोंच-नोंच कर,बेइज्जत करे…

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आओ फिर से दीप जलाएँ

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** आओ फिर से दीप जलाएँ,घी से रुई की बाती बनाएँदीपक में फिर उसे लगाएँ,सिंदूर-रोली, चंदन की थाल सजाएँ। दीपावली की बात बताएँ,क्यों, कैसे सबको समझाएँलंका…

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आखिरी पन्ना दुर्लभ जीवन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** आखिरी पन्ना दुर्लभ जीवन, बेताब आज मैं लेखन हूँक्या पाया-क्या खोया जीवन, अन्तर्मन उद्वेलित चिन्तन हूँ। भागम-भाग सीदित यायावर, संघर्ष सफल क्या सत्पथ हूँकर्मवीर…

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लहरों की तरह

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** मन-भावों को रोक ना पाती,लहरों की तरह जब उठते हैंलाख समझाऊं, इस आँसू को,फिर भी झर-झर बहते हैंइसे खबर ना इस दुनिया में,यहाँ कैसे-कैसे लोग रहते हैं।…

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वृद्धता…शाश्वत नियम

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** सनातनी संस्कार का,यह एक अनोखा संस्कार हैजगत-संसार में समस्त,वृद्ध समुदाय के आवरण में रहने वाले लोगों को,पूर्ण सम्मान दिया जानाएक सर्वोत्तम आभार है। यह बिल्कुल सच्चाई है,जगत-संसार में सबकोसदैव…

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सदा चमकते रहो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अमिताभ बच्चन जन्मदिन विशेष... सूरज को मैं क्या दीप दिखाऊँ,'बिग बी' की में क्या बात बताऊँतारीफों के शब्द नहीं हैं‌,उनके गीतों के साज सजाऊँ। खुशियाँ…

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कलयुग आता है

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आज न रावण सीता हरण को,छल-प्रपंच कोई अपनाता हैआज न दुर्योधन भरी सभा में,दुशासन से द्रौपदी का चीर हरवाता है। आज न सीता को है कोई…

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सत्ता का संग्राम

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** सत्ता का संग्राम छिड़ा है,लोकतंत्र का पर्व है आयापाँच साल के बाद नेता,'मत' मांगने फिर घर आया। पाँच साल जो नजर ना आए,घूमने लगे अब हाथ जोड़करकरने…

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