खुशियों के बीज

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… हरी-भरी वसुन्धरा को, देख कर मेरा वतन मुस्कुरा रहा है ऐसे, फूल का कोई चमन। हर जवान देखता है, सीना तानकर यहां आजाद,भगत,बोस ने, जन्म लिया हो जहां। जमीं है मेरे प्यार की, जमीं मेरे दुलार की महक ये बिखेरती, प्रेम,पावन,प्यार की। ये धरा … Read more

पृथ्वी दिवस

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… जरूरत आन पड़ी पृथ्वी पर पृथ्वी दिवस मनाने की अपनी धरती के संरक्षण हेतु देखो अलख जगाने की, जूलियन कॉर्निंग नहीं पहले पृथ्वी दिवस का नाम दिया २२ अप्रैल जन्म दिवस को पृथ्वी दिवस सम्मान दिया, १ सप्ताह चले यह मेला पर्यावरण सुरक्षा को … Read more

धरती माँ की पुकार

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरती माँ,की आँख में,आँसू, वो चीख-चीख,कर कहती है। क्यों,जहर मुझमें,घोल रहे हो, मुझमें,सारी दुनिया रहती हैll तुम थोड़े से,लोभ-लालच में, कल-कारखाने,चलाते हो। विषैले धुँए,और रसायनों से, क्यों,तुम मुझको जलाते होll जब,कूड़े-कचरे वाला पानी, मेरी रगों,में बहता है। मेरा,दर्द! तुम क्या जानोगे, मेरा दम,घुटता रहता हैll पेड़-पौधे,कटते … Read more

चलो….अब भूल जाते हैं

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** जीवन के पल जो काँटों से चुभते हों, जो अज्ञान अँधेरा बन मन में अँधियारा भरता हो, पल-पल चुभते काँटों के जख़्मों पे मरहम लगाते हैं, मन के अँधियारे को ज्ञान की रोशनी बिखेर भगाते हैं, चलो! सब शिकवे-गिले मिटाते हैं चलो…. सब भूल जाते हैं…ll अपनों के दिए कड़वे … Read more

सम्मान दो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ होगा जहां अपनों में स्नेह प्यार, खिल जायेंगे वो,घर और परिवार। दोगे यदि माता-पिता को,तुम सम्मान, तो निश्चित ही,पाओगे अपार प्यार॥ महक जायेंगे वो,घर और परिवार, मिलता है जिनको,मात-पिता का प्यार। किस्मत वाले होते हैं वो परिवार, जिनको मिलता है, बड़े-बूढ़ों का प्यार॥ बेटे -बहू का कुछ, बनता है फर्ज, हर … Read more

राह मंजिल की

शरद कौरव ‘गंभीर’  गाडरवारा (मध्यप्रदेश) ************************************************** कहना सरल करना कठिन, मंजिल को पाने के लिए इस दु:ख भरे संसार में भी, सुख को पाने के लिए। तकलीफ नतमस्तक भी हो जायें अगर तू डट गया, समझ ले कि काल का जंजाल सर से हट गया समय होगा वो तेरा जग को दिखाने के लिए। कहना … Read more

मेरा भीम महान

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** जगत में छाया रे,मेरा भीम महान, हँसते-हँसते कुर्बान हुए हैं,ये भारत की शान। मान दिया,सम्मान इसी ने,जीने की राह दिखाई, तोड़ दिए बन्धन वो पुराने शिक्षा की अलख जगाई। पिछड़ों का उद्धार किया है, भारत को संविधान दिया है। तू जग की पहचान, मेरा भीम महान। आन-बान और शान हमारी,तू … Read more

यंत्रणा

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** उसका दमन,तिरस्कार उसकी यंत्रणा उतनी ही प्राचीन है, जितना कि पारिवारिक जीवन का इतिहास असंगत और मन्द प्रक्रिया में, उसने हिंसा को हिंसा की दृष्टि से देखा ही नहीं कभी, वह स्वयं भी हिंसा से इंकार करती है धार्मिक मूल्य और सामाजिक दृष्टि का बोझ, उसके कंधे पर … Read more

सपनों का भारत हो साकार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई, रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई। खुशियां मिलें जग में यही प्रार्थना रघुराई, साथ रहे सभी जन जैसे हो अयोध्या के चारों भाई। रामनवमी की आपको बहुत बहुत बधाई॥ हुआ है अवतरण आज हमारे प्रभु राम का, करें त्याग काम क्रोध लोभ … Read more

ओले

डॉ.आभा माथुर उन्नाव(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************************** व्यथित बहुत तू जी भर रो ले, रो मेरे मन हौले-हौले… सुबह हुई फिर वही उदासी, संगी न कोई,न कोई साथी… रीती-सी इन आँखों में अब, चाह नहीं अब कोई बाकी अश्रु गिराते दु:ख के ‘ओले’ रो मेरे मन हौले-हौले। आ पहुँचा ऋतुराजी मौसम, मेरे लिये सभी एकसम… मैं हूँ … Read more