चौकीदारी

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** चौकीदार की चौकीदारी ने कमाल कर दिया, नव उदित भारत का निर्माण कर दिया। चौकीदार की चौकीदारी ने, विश्व में परचम अपना लहराया है योग भारत का विश्वभर में फहराया है। योग दिवस की हुई घोषणा यूएस के आँगन में, चौकीदार की चौकीदारी ने कमाल कर दियाl नव उदित भारत का … Read more

संस्कृति का नव-वर्ष

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ उदयपुर (राजस्थान ) *************************************************** हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। नव पराग हुए अंकुरित, पुष्प हो गए सुगंधित चंहुओर उमंग,हर्ष हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। श्रीराम,हनुमान का प्राकृट्य है, महापुरुषों का अवतरण है नव प्रभात का श्रीगणेश हैl हिन्दुत्व का नव-वर्ष है, संस्कृति का उत्कर्ष है। … Read more

बिटिया हूँ आपकी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** पापा,मैं बिटिया हूँ आपकी, मम्मी,मैं बिटिया हूँ आपकी। मैं रिश्तो में बंधी हुई, सुंदरता से सजी हुई। सपने बहुत संजोए हैं, बीज खुशी के बोये हैं। बेटा न सही,बेटी हूँ मैं आपकी, पढ़-लिख कर मैं शान बनूंगी आपकी॥ अभी मैं नहीं गुड़िया हूँ, घर की सुंदर बगिया हूँ। भैया की … Read more

प्रतिपदा नव वर्ष

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हे मातु भवानी हे जगकल्याणी, महर तुम्हारी माँ आँचल भर दे। हे जन्मदात्री हे सुखदायिनी, तू मेरी माते अब मंगल कर दे। विद्या विवेक शक्ति है तुमसे, हृदय मेरे तेरी भक्ति भर दे। मातु वरदायिनी हो कृपासिंधु, मन व्याकुल माँ संकल्प भर दे। तुम्हीं सर्वव्यापी जीवनदायिनी, नयनों मे … Read more

कभी सोचा न था…

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हर रिश्ते से बँधी थी पर कोई भी रिश्ता मेरा न था, रिश्तों में फासले तो थे पर वे इतने खौफनाक भी हो सकते हैं, कभी सोचा न था। हमसफर बनाया था जिसे, हमसफर तो था, पर साथी न बन सका। रहते थे इक मकां में पत्थर की तरह क्योंकि वो … Read more

कलम की दु:खभरी दास्तां

डॉ.रामावतार रैबारी मकवाना ‘आज़ाद पंछी’  भरतपुर(राजस्थान) ************************************************************************************************ सोच रही है पागल कलम,कैसी दुनिया आई है, लाज-शर्म के शब्द भूलकर,बे-शब्दों की झड़ी लगाई है पड़ी तमाशा देख रही हूँ,ऐसी धाक जमाई है, लुप्त हो रही मैं तो मेरे घर में,मुझ पर ऐसी शामत आई हैl सोच रही… मेरे कारण तू इंसान बना,फिर महान बना, इस भरी … Read more

नहीं चाहिए शराफ़त ऐसी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दूसरों की लूटती हुई आबरू को देख बीच बाज़ार के चौसर पर, उसको बचाते-बचाते नासमझ मैं ख़ुद की आबरू लुटा गया, पर कमबख्त दस्तूर तो देखो इस बेदर्द दुनिया का,जिसके लिए अपनी सुकूनभरी जिंदगी की खुशहाली, दफ़न की,बिना सोचे ज़मीर के लिए वही गलबहियाँ करने को बेताब, जा … Read more

कुर्सी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* कुर्सी की देखो माया, रचा है इसने खेल सारा चढ़ा है सब पर इसका रंग, क्या नेता-क्या अभिनेताl डोल रहे हैं इसके संग, जो पाए वह तर जाए जो देखे वह डर जाए, दुनिया नाचे इसकी उँगली परl काम गजब के कर जाए, देखो इसकी काली माया औरों को … Read more

शुभ संवत्सर नया साल

प्रो.स्वप्निल व्यास इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** नई चेतना नव प्रकाश…नई उम्मीदों का आकाश, शुभ संवत्सर नया साल। नए संकल्पों से शुरुआत…प्रायश्चित का प्रयास, शुभ संवत्सर नया साल। अर्घ्य प्रार्थना मंगलाचरण…राम जन्म का अहसास, शुभ संवत्सर नया साल। ब्रह्मा की सृष्टि रचना…झूलेलाल का जन्म महान, शुभ संवत्सर नया साल। प्रचंड सूर्य खुला आसमान…नवरात्र की शुरुआत, शुभ संवत्सर नया … Read more

नेता

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** रोना अभिनय, हँसना अभिनय सुख में अभिनय, दु:ख में अभिनय इतने अभिनय जाने कैसे कर लेते हैं, चेहरे पर ये चेहरा खूब लगा लेते हैं। खाना अभिनय, पीना अभिनय इनके तौर- तरीके अभिनय, देश की जनता को ये मूर्ख बना लेते हैं, चेहरे पर ये चेहरा खूब लगा लेते हैं। … Read more