दिल सजा दो सनम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* ज़िन्दगी के रास्ते गुलजार कर दो तुम सनम।दिल सजा दो जान लेकर, क्या करेंगे हम सनम। शाम तन्हा कट गई है, रात तो सजकर…

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एक थी श्रद्धा…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** श्रद्धा हत्याकांड... एक थी श्रद्धा,माता-पिता दुलारी-गई भटक। रिश्ता भी धोखा,दिल टूटा श्रद्धा का-केवल पीड़ा। ना वो आजादी,माँ-बाप बिन शादी-गत श्रद्धा की। ना प्रेम पला,ना…

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फर्ज निभाती है बेटी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* क्यों दुनिया वाले ये कहते रहते हैं बेटी होती है पराई,बेटी ही है जो माता-पिता के, हृदय में रहती है समाई। समय पर बेटे जैसा फर्ज…

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दिखावा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** लोग दिखावे की खातिर ही प्यार जताते हैं सारे। लगा मुखौटा चहरे पर येघर तक भी आ जाते हैं,केवल झूठा प्यार जतारिश्ते रोज बनाते हैं।रहते मौके…

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सुखद एहसास

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** मैंने अपने मन को छुआ,एक सुखद एहसास हुआक्या खोया क्या पाया,दर्पण बिल्कुल साफ किया। अंधेरों में किए उजाले,दीनों के संग प्यार कियानहीं की काँटों की परवाह,हर आँगन…

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प्रसन्न समाजों में हम क्यों पिछड़ रहे?

ललित गर्गदिल्ली************************************** संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०२२ की पहली तिमाही में सालाना 'वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट' जारी की है। १४९ देशों की सूची में भारत का स्थान खुशी और प्रसन्नता के…

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माँ की सूरत में भगवान

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* देखकर तेरी सूरत माँ, भगवान को हम याद करते हैं, प्रभु को हम देखे नहीं, तुझे देख उन्हें प्रणाम करते हैं ममता मिलती तुमसे…

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कर्म-फल

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** अपने-अपने ही कर्म फल,इक दिन तो सब चखते हैं। दूजों के हित जो गढ्ढा खोदे,खुद ही उसमें वह गिरता हैबीतेंगे यह कठिन दिवस भी,दिन तो सबका ही फिरता…

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नीम का सुकून

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** फूलों से लदे,हरे-भरे नीम की महकदे जाती है मन को सुकून,भले ही नीम कड़वा हो। पेड़ पर आई जवानी,चिलचिलाती धूप सेकभी ढलती नहीं,बल्कि खिल जाती हैलगता, जेसे…

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शिक्षा बांट रही

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** हर पग शिक्षा बांट रहीरामायण रिश्तों में झांक रही,वहीं महाभारत रणभूमि मेंकर्मों को रिश्तों में आँक रही। एक राम जहां थे धीर धरेएक रणछोड़ गीता बाँच रही,मर्यादा…

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