बेपनाह मुह़ब्बत है आपसे

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** यह 'बात झूठ है के अ़दावत है आपसे।हमको तो बेपनाह 'मुह़ब्बत है आपसे। हम आपकी ख़ुशी में ही ख़ुश हैं जनाबेमन,किसने कहा के कोई शिकायत है…

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मुफ़्त की रोटियाँ

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** खायी थीं ख़ूब तर मुफ़्त की रोटियाँ।बन गयीं दर्दे सर मुफ़्त की रोटियाँ। ले गयीं सब हुनर मुफ़्त की रोटियाँ।कर गयीं दरबदर मुफ़्त की रोटियाँ। किसको…

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नेकी कमाल रखना

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचनाशिल्प:२२१ २१२२ २२१ २१२२.. देखो कभी न मन में कोई मलाल रखना।दिल प्यार से भरा हो नेकी कमाल रखना। खामोश रह अभी तुम अखबार ढूंढ लेगा,जब नेक…

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गुलशन बना गया कोई

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* प्यार के गुल खिला गया कोई।दिल को गुलशन बना गया कोई। बात दिल की ज़बां पे आ न सकी,हाथ आकर दबा गया कोई। बात…

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दुनिया ही हम लुटा बैठे

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** दिल ह़सीनों से क्या लगा बैठे।दिल की दुनिया ही हम लुटा बैठे। सारी दुनिया में हो गए रुसवा,ह़ाले दिल उनको क्या सुना बैठे। लाल पीले वो…

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जब मुकरता है…

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कोई वादे से जब मुकरता है।दिल पे तूफ़ान-सा गुज़रता है। दिल मचलता है आह भरता है।जब वो नज़रों से वार करता है। सिर्फ़ कहते हैं लोग…

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साया

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* चुप का प्रश्नों पर जब साया होता है।राज़ यक़ीनन तब कुछ गहरा होता है। विश्वासों पर जब भी हमला होता है।दिल पर उनका गहरा…

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मन का मिला खजाना

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आज मौसम बड़ा सुहाना है,मन को मन का मिला खजाना है। पुल के नीचे जो काटते थे दिन,उनको अपना मिला ठिकाना है। मन में है दर्द तो दुखी…

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कब का अमीर हो जाता…

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* इश्क का गर सफीर हो जाता।नाम फिर मुल्कगीर हो जाता। जाने कब का अमीर हो जाता।बस ज़रा बे-ज़मीर हो जाता। बात मन की अगर…

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सभी बे-नूर हुए

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* ख़्वाब सभी बे नूर हुये हैं।दिलबर जबसे दूर हुये हैं। घर में ही महसूर हुये हैं।जबसे वो पुरनूर हुये हैं। डरने पर मज़बूर हुये…

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