हमसे मोहब्बत नहीं है
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ किसी को किसी के लिये फुरसत नहीं है।हमें भी बातें करने की तो आदत नहीं है। तन्हाई में गुज़र गये सालों पर साल कई,किसी अपने को हमसे मोहब्बत…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ किसी को किसी के लिये फुरसत नहीं है।हमें भी बातें करने की तो आदत नहीं है। तन्हाई में गुज़र गये सालों पर साल कई,किसी अपने को हमसे मोहब्बत…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचनाशिल्प:क़ाफ़िया-आओ,रदीफ-तुम, बहर १२२२,१२२२,१२२२,१२२२ मिरे जज़्बात को समझो मुझे मत यूँ सताओ तुम,रहो मुझसे ख़फ़ा लेकिन न मुझसे दूर जाओ तुम। गुज़ारी साथ हमने ज़िन्दगी वादे किये…
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ दर्द दिल का बताऊँ कैसे,रूठे यार को मनाऊँ कैसे। मोहब्बत हो गई है उनसे,एहसास ये दिलाऊँ कैसे। बिखर गए रिश्ते मोती से,माला एक बनाऊँ कैसे। तोड़ दिया…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ वक़्त है बाक़ी जीवन सँवार लो अभी।अन्न के कंकर पानी से निथार लो अभी। जीवन का ताना-बाना अपने हाथ में नहीं,नाम लो रब का पाप को कटार दो…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ जिस दिल में दर्द का एहसास नहीं।उसे अपने-पराये का आभास नहीं। न समाज न परिवार उसका होता,वो तन्हा है बज़्म उसके पास नहीं। जवानी में तन्हा मज़े कर…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ ठोकर लगी तो भी नहीं सुधरता है आदमी।सच कहने को भी तो मुकरता है आदमी। जो मुँह के सामने शहद जैसी बातें करते हैं,उनको ही अपना हितैषी मानता…
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** प्यार के क़िस्से हमारे जिन ख़तों में क़ैद हैं।ख़त वो सारे अब हमारी फ़ाइलों में क़ैद हैं। बोलबाला जुर्म का है मुजरिमों की 'भीड़ है,कौन कहता…
गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** हमसफर यूँ अब मेरी मुश्किल हुई।राह जब आसां हुई,मुश्किल हुई। हम तो मुश्किल में सुकूं से जी लिए,मुश्किलों को पर बड़ी मुश्किल हुयी। ख्वाब भी आसान…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** जीवन में संवेदना,लाती है मधुमास।अपनाकर संवेदना,मानव बनता ख़ास॥ संवेदित आचार तो,है करुणा का रूप।जिससे खिलती चाँदनी,बिखरे उजली धूप॥ संवेदित सुविचार से,मानव बने उदार।द्वेष,कपट सब दूर…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सदा नफरत की लहरों पर उतारी कश्तियाँ हमने।ठिकाना जल गया बेशक बचाई बस्तियाँ हमने। जहाँ बेहाल जीना हो गया था सख्त कलियों का,जले थे हाथ बेशक…