सिपहसालार बनना है

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रचनाशिल्प:क़ाफ़िया-आर,रदीफ़-बनना है;बहर-१२२२,१२२२,१२२२,१२२२ हमें अपने वतन का सच्चा पहरेदार बनना है।कटा दे एक पल में सर वही किरदार बनना है। सँभाले वार सीने पर अडिग चट्टान जैसे…

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हमने इक़रार किया

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ उसने इज़हार किया हमने इक़रार किया।इस तरह से प्यार हमने यार किया। कोशिश नहीं की,न ही तकल्लुफ़ उठाया,हद इतनी थी नजरों से भी न इन्कार किया। उसकी आँखें…

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जलवा दिखा दे ज़रा सोणिए

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** शामे ग़म जगमगा दे ज़रा सोणिए।अपना जलवा दिखा दे ज़रा सोणिए। ह़सरत'-ए-दीद पागल न कर दे कहीं,रुख़ 'से पर्दा 'हटा दे ज़रा सोणिए। भूल' जाएँ 'सदा…

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सच्चाई जान कर के चलो

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ वक़्त को स्वीकार कर के चलो।जीत नहीं,हार मानकर के चलो। गरज ख़त्म हुई अपने बेगाने हुए,तक़ाज़ा उम्र का काम कर के चलो। तुमने भी ख़ुशहाली देखी थी कभी,बेटे…

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समझा दे मुझे

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कुछ समझ आता नहीं तू लिख के समझा दे मुझे।इश्क़ के दस्तूर क्या हैं यार 'बतला दे मुझे। राहे ह़क़ से कोई आख़िर 'कैसे भटका दे…

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जनता लाचार नहीं

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ पापियों को क्या धिक्कार नहीं।उनका जीना क्यों दुश्वार नहीं। सज्जन लोग क्यों चुप रह जाते हैं,सच बोलने का उनको अधिकार नहीं। जो देश खा रहे भीतर ही भीतर,क्या…

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अभी जागे नहीं तो…

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* पर्यावरण दिवस विशेष.... धरा पर पेड़ पौधों का सजा जो आवरण है।मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है। न डालो मैल नदियों में न काटो…

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इंतज़ार

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ कोई नहीं आने वाला।न दिल बहलाने वाला। चेहरों पर मुखौटे लगे हैं,सच नहीं दिखलाने वाला। रक़ीब है घर में छुपा हुआ,कौन है पहचानने वाला। अपनों की भीड़ में…

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…पर कल तो हमारा है

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* नहीं है आज सिर पे ताज,पर कल तो हमारा है।चलें देखें समंदर का कहां दूजा किनारा है। सजी मंदिर की मूरत बोल सकती है अगर चाहो,लगे…

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रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* बागों के माली रखवाले,अब से नहीं जमाने से हैं।कलियों पर काँटों के ताले,अब से नहीं जमाने से हैं। मिली कहाँ पूरी आजादी,खंडित हिंदुस्तान मिला है,सरहद पर…

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