हवा जहरीली

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** नन्हें-नन्हें बच्चों की भी,अब आँखें क्यूँ गीली हैं, सुर्ख हरे पौधों की पत्ती,हरी नहीं क्यूँ पीली है। पावन पुण्य पवन भोर का,कड़वा कड़वा लगता है, ऐसा क्या बस इसीलिये जो,आज हवा जहरीली हैll क्यूँ खराश है ग्रीवा में,क्यूँ जलन आँख में होती है, क्यूँ उपवन के आँगन में भी,घुटन साँस … Read more

सूर्य तुम्हें ही बनना है

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** नश्वर जग है आत्मदीप बन तुम्हें निरंतर जलना है, तम की घोर निशा के आगे सूर्य तुम्हें ही बनना है। करो साधना इष्टदेव की, पुण्य करो संचित केवल। स्वार्थ लोभ का त्याग करो तुम, ज्ञान भक्ति का ले संबल। भटक रहे हो जन्म-मरण के, चक्र का भेदन करना … Read more

आगे को नित बढ़ना होगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सकल दुखों को परे हटाकर,अब तो सुख को गढ़ना होगा, डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित बढ़ना होगाl पीर बढ़ रही,व्यथित हुआ मन, दर्द नित्य मुस्काता अपनाता जो सच्चाई को, वह तो नित दु:ख पाताl किंचित भी ना शेष कलुषता,शुचिता को अब वरना होगा, डगर भरी हो … Read more

राष्ट्रीय एकता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** एक रहे हैं,एक रहेंगे,गर्व लिये हरसाएंगे, भारत की सम्प्रभुता की नित,शौर्य-ध्वजा फहराएंगे। नेहरू,गांधी का था सपना, वल्लभ भाई ने सींचा सीमाओं पर दे क़ुर्बानी, नक्शे को हमने खींचाl सदा अखंडित,नहीं हैं खंडित,हम प्रचंड बन जाएंगे, भारत की सम्प्रभुता की नित,शौर्य-ध्वजा फहराएंगेll नित्य एकता का लेखा है, किंचित नहीं कोई … Read more

दीवाली का बस यह कहना

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** दीवाली का बस यह कहना, आपस में मिल कर के रहना। चाहे जितने दीप जलाओ, चाहे चौखट द्वार सजाओ। यदि दिल में बच गया अँधेरा, व्यर्थ हुआ दीपों का जलना। दीवाली का बस यह कहना, आपस में मिल कर के रहना॥ चाहे आ जायें सब तारे, चाहे चन्दा धरा … Read more

ले जा तू सलाम मेरा

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** ससुराल से बेटी का सन्देश- पुरवइया जाना मेरे बाबुल के देश रे, ले जा रे सलाम मेरा ले जा सन्देश रे- थोड़ी धीमी-धीमी चलना,थोड़ी सहमी-सहमी चलना, घूँघट गोरी का उड़े न,मिट्टी आँख में गिरे न। तुझको अपना सा दिखेगा परिवेश रे… पुरवइया जाना- गाँव की सीमा पर मिलेगी,माता सती निहाली, … Read more

गीत प्यार के गाऊंगा

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* करवा चौथ मनाऊंगा, मैं गीत प्यार के गाऊंगा। मैं भी तो अपनी सजनी के, खूब लाड़ लड़ाऊंगा॥ करवा चौथ मनाऊंगा… जब जब उसको देखता हूँ, मन खुश हो जाता मेरा। जब-जब उसके पास जाऊं, तो दिल बहल जाता मेरा। उसके अहसासों को मैं तो, गीत-ग़ज़ल में पिरोऊंगा॥ करवा चौथ मनाऊंगा… जब-जब … Read more

तेरी पायल की झनकार

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हो गया दिवाना,देखा जबसे तुमको, ना रहा ठिकाना,भूल गया खुद को। करती मेरा दिल बेकरार, तेरी पायल की झनकार। चाँद-सा चेहरा तेरा, आँखों से दिल में उतर गया। सोने न देती मुझे, दिल धड़काती है यार सदा। होंठों की लाली,कानों की बाली, आँखों का काजल,करता है घायल। पागल करती … Read more

सिगरेट बोले रे…

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** (रचना शिल्प:तर्ज-झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में) सिगरेट बोले रे,जीवन की मंझधार में,सिगरेट बोले रे…, चाचा आओ ताऊ आओ,छत पर लो सुलगाओ, जी कर क्या करना है,मेरे संग में मौज उड़ाओl बीड़ी बोली ना ना बाबा,ना मुझको छोड़ कर जाओ, और तंबाकू कहती देखो,आकर मुझको खाओl हाँ आकर मुझको खाओ, … Read more

करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा के महक जाओगे। मेरी शाख… मेरी बादशाही तो हर चमन में है, रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में है। रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में … Read more