जै जै जै अम्बे मातु भवानी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** जै जै जै अम्बे मातु भवानी, माँ दुर्गा जग कल्याणी! जै जै जै अम्बे मातु भवानी, माँ दुर्गा जग कल्याणी!! मनोकामना की तू माता,ममता का आँचल, वात्सल्य की मूरत-सूरत,महिमा की माता रानी! जै जै जै अम्बे मातु भवानी, माँ दुर्गा जग कल्याणी!! दुष्ट विनाशक भय भंजक माँ शेरों वाली, … Read more

पर्यावरण बचाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* विश्व पर्यावरण दिवस विशेष……………. सुनो भाइयों नारा ये जन-जन तक पहुँचाना है। पर्यावरण बचाना हमको, पर्यावरण बचाना है॥ आओ लगायें पौधे हम,ख़ूब बढ़ाएं हरियाली। करें वनों की पूर्ण सुरक्षा,वन उपजों की रखवाली। स्वच्छता का ध्यान रखें हम,बात ये सबको बताना है। पर्यावरण बचाना हमको… साफ़-स्वच्छ हो शहर हमारा, निर्मल … Read more

स्वप्न फिर दिखाया

मनोज जैन ‘मधुर’ शिवपुरी (मध्यप्रदेश) ************************************************************** फतह,किया राजा ने एक किला और। दिग्विजयी होने का भाव छटपटाया। प्रतिरोधी आँधी को राव ने दबाया। अब भी है समय, हमें मानो सिरमौर। रणभेरी बजी खूब, देखकर सुभीता। कुटिल चाल चली, युद्ध राजा ने जीता। परजा ने, फिर ढूँढा एक नया ठौर। क्षत्रप सब राजा के संग साथ … Read more

जीवनसाथी

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** संध्या जो आए मन घबराए, जीवनसाथी तुम बिन हाय। लागे न तुम बिन सांझ सुहानी, झुकती घटाएं रुत मस्तानी। मन की जलन को और बढ़ाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ बीत गए जाने कितने पल, आँखों से बरसे बनके जल। फिर भी प्यास बुझा ना पाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ रात … Read more

देश का प्रहरी

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** पुण्य प्रण प्रति प्राण पूजित,पावनी पावन धरा। है समर्पण और अर्पण साँस का सावन हराll रक्त का हर कण समर्पित,साँस के कतरे सभी। जिंदगी के पल समर्पित,आज हों या हों अभीll रक्त की प्यासी धरा के,जो सरोवर हो गए। भारती के रजकणों में,तन रतन ही खो गएll देश का प्रहरी … Read more

दो जून की रोटी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* दो जून की रोटी मिलती,हम हैं किस्मतवाले। कितने लोग भूखे रहते हैं,मिलते नहीं निवाले॥ हाथ ठेला लिए धूप में,आम-जाम चिल्लाए, तब जाकर घरवालों को वो,आधा पेट खिलाए। रोटी की खातिर बेचे,गुपचुप चने मसाले, कितने लोग भूखे रहते हैं,…॥ फूल बेचने वाले बच्चे,ढूंढे दृष्टि आस की, आधा तन … Read more

बबूल

मनोरमा जैन ‘पाखी’ भिंड(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* मन के मरुथल में हैं बो दिये बबूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल। सौगात मिली है जो मुझको कैसे करूँ इंकार, सारे गम हैं करते हम पर अब अपना अधिकार। चुभते हैं दिल में हरपल बनकर जैसे शूल, करते तन छलनी पर हैं मुझे कबूल…॥ मैंने एक ख्वाब … Read more

मन

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* मन बड़ा बलवान है ये, मन बड़ा बलवान। कभी तो लगता ईश्वर है, ये कभी लगता शैतान। मन बड़ा बलवान है ये मन… लाख सम्भाला इसको बाँधा, फ़िर भी नहीं पकड़ में आता। जतन किए कि बंधा रहे ये, फ़िर भी फ़िसल-फ़िसल ही जाता। कभी धूप में कभी छाँव … Read more

तुम भूल गए प्रियतम …

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** (धुन-इक प्यार का नगमा है…) एक तू ही तो अपना है, बाकी सब सपना है। तुम भूल गए प्रियतम, अब विरह में तपना है। रूठ गया तू अगर, बस माला जपना हैll एक तू ही तो अपना है, बाकी सब सपना है… कहो मेरी किस्मत अब, यहाँ और कितना सहना … Read more

नशे में ही रह दिल…

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** नशे में ही हम हैं,नशे में जमाना, नशे में ही रह दिल,होश में ना आना। बेदर्द दुनिया का जुल्मी चलन है, जीने-मरने की खाते कसम हैं। आता है इनको कसम का भुलाना, नशे में ही रहना…॥ दौलत के संग दिल भी,पलड़े में तौले, दिल की कीमत कम ही बोले। … Read more