‘बारिश-ए-दौरा’

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** ट्रेन का-बारिश का देर से आना और किसान का रोना कोई नई बात नहीं है। बारिश,किसान,कीचड़,जाम,सड़क का बह जाना, आदि-आदि नई बातें नहीं हैं। नई बात तो तब शुरू होती है,जब सरकार नई हो,मंत्री नया हो,मोहल्‍ला नया हो (कच्‍ची कालोनी), रहने वाले नये हों तो समस्‍याएं भी नई … Read more

वास्तु का नया फ़ण्डा

अरुण अर्णव खरे  भोपाल (मध्यप्रदेश) *********************************************************************** पहले लोग जब घर बनाते थे,या खरीदते थे तो उनकी प्राथमिकता होती थी घर में समुचित रोशनी हो,खुला-खुला हो,हवादार हो। बाद में वास्तु के अनुसार घर बनाने और खरीदने की होड़ होने लगी,पर हमारे मित्र पण्डित नरोत्तम देव शर्मा आजकल एक नई समस्या से जूझ रहे हैं,जो उनको वास्तु … Read more

नहीं सुने वो सब गुने

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सुख से सम्बन्धित बातें तो बहुत सारी की जा सकती हैं,लेकिन कुछ बातें अनुभव की की जाए तो उसका आनंद अलग है। लोग कहते हैं कि आँखों-देखी और कानों-सुनी बात में ज़मीन और आसमान का अंतर आ जाता है,लेकिन आज जो बात है वो अनुभव की बात है। वो ज़मीन … Read more

अथ स्वरुचिभोज प्लेट व्यथा

नरेंद्र श्रीवास्तव गाडरवारा( मध्यप्रदेश) ***************************************************************** सलाद, दही बड़े, रसगुल्ले, जलेबी, पकौड़े, रायता, मटर पनीर, दाल, चावल, रोटी, पूरी के बाद… ज्यों ही मैंने प्लेट में पापड़ रखा, प्लेट से रहा न गया और बोली- अब बस भी करो, थोड़ा सुस्ता लो पहले इतना तो खा लो। घर में तो, एक गिलास पानी के लिये पत्नी … Read more

न घर के रहेंगे,न घाट के…

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** “मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है,जीवन मिट्टी से मिट्टी तक की यात्रा है। अर्थी से पहले जीवन का अर्थ जान लें।“ ये बोध वाक्य हर बार उस समय याद आते हैं,जब हम किसी को श्मशान में छोड़ने जाते हैं और शोकसभा के कक्ष की दीवारों पर अपनी दृष्टि डालते हैं,जहाँ … Read more

आओ कचरा करें

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** आओ कचरा करें। तू मेरा कचरा कर,मैं तेरा कचरा करुं और फिर उस कचरे को एक-दूसरे पर फेंक कर कचरा-कचरा खेलें। कचरा करना बुरा है। हम तो आए दिन किसी-न-किसी का कचरा करते ही रहते हैं। तुम भी आओ,कचरा करो। दूसरे का कचरा तो कोई भी करता है,हिम्‍मत है … Read more

आत्मविश्वास

वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************ मैं ईर्ष्या हूँ,मेरी बड़ी बहन का नाम है निंदा,और छोटी का चुगली। हमारा एक भाई भी है जिसे हम प्यार से तनाव कहते हैंl हम चारों भाई- बहनों में बड़ा एका है,हम हमेशा कमजोर व्यक्तियों की तलाश में भटकते हैं। ऐसे व्यक्ति मिलते ही सबसे पहले मैं अपना ताना-बाना उसके चारों … Read more

चूं चूं का जीत ए जश्‍न

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** चुनाव हो गया। चच्‍चा ने भी अपना दूसरा चक्‍कर पार्क का लगाया और बुढ़ापे को जवानी में बदलने वाले उसूल के तहत जूस का एक गिलास गले से नीचे उतारा और फिर पार्क से बाहर निकल लिए। घर जाकर नहा-धोकर तैयार हुए और सेन्‍ट फेंका शरीर पर,जूती पहनी और … Read more

दिल को खुजला रहे हैं

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** जैसे खुजली में या हम किसी दाद में, दिल को खुजला रहे हैं तेरी याद में, भेज दो प्यार के नीम की तुम दवा- तुम खिलाना मिठाई कभी बाद में। परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर(उत्तर … Read more

चूं चूं का `मतदान`

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** जैसे गर्मी बढ़ रही है,पार्क में बरसाती मेंढकों की तरह कसरत करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले तो बूढ़े कैलोस्ट्राल कम करने के लिए कमरे को कमर बनाने पर तुले थे,अब तो कमर वाले भी कमरा वालों से प्रतियोगिता करने में लगे हैं। चच्चा पसीने … Read more