समर्पित जीवन

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** भारत की भूमि पर जन्मा,विनायक दामोदर सावरकरऐसा वीर किरदार कहलाया है,सावरकर का हर एक कदम,विश्व में पहले स्थान पर आया है। भारत माँ को समर्पित जीवन,हिंदुत्व…

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बनकर के इंसान जगत में

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बनकर के इंसान जगत में, अपना नाम कमाओ।मानव हो मानवता रक्खो, मानव धर्म निभाओ॥ कर्म निरंतर करते रहना,है कर्तव्य तुम्हाराबिन लहरों का किये सामना,मिलता नहीं किनारा।पार…

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विकास… संस्कारों का नाश

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** विकास, विकास, विकास और विकास,चर्चा है चारों ओर केवल विकास कीखोजे पर मिल रहा नहीं अब मानव,धीरे-धीरे बनता जा रहा सब दानव। विकास के इस…

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वंदन माटी का

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** वंदन माटी का करूँ, जन्म मिले हर बार।देह समर्पण देश हित, हो मेरे करतार॥हो मेरे करतार, समर्पण सब कुछ मेरे।जीवन के दिन चार, रहूँ चरणों…

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मिटा दो कुरीति

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** जनता को भरमा रहे, करके नित पाखंड।सदा अधर्मी को मिले, इन कर्मों का दंड॥इन कर्मों का दंड, लूट का है यह धंधा।कर छल बहुत प्रपंच, रखें…

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नफ़रत करती सदा बर्बाद

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दुनिया वाले देखते, शक्लो-सूरत माल।ऊपर वाला देखता, हम सबके आमाल॥ धीरे-धीरे घट रहा, भूतल का भी नीर।होना होगा अब हमें, इस पर कुछ गम्भीर॥…

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हर पल बदलता मन का मौसम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कभी नन्हीं गिलहरी-सी फुदक रही,तो कभी प्यारे खरगोश की तेज रफ्तारमृग छौना के कोमल कुलांचे की तरह,कछुए की भांति धीमी पर सुदृढ़ चाल। नीले अम्बर पर…

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मोहन

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** खड़े कब से तुम्हारे द्वार पर कृष्णा,नहीं जाती हृदय से ये कभी तृष्णाहमें अपना बना लो तुम सहारा दो,करें हम पार वैतरणी किनारा दो। दिखा…

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मैं काशी हूँ…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मैं काशी हूँ, आर्यावर्त की प्रथम नगरी,गिनती में त्रेता युग से पावन सप्त पूरी। स्थापित हूँ अडिग निरंतर स्थिर अस्तित्व लिए,तीनों युग की आयु अब कलयुग में…

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जो अमृत घोले

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* मन के मौसम की बात करूँ मैं,है ये जीवन का इकतारापल-पल देखो भाव बदलता,कभी खुश-कभी हँसी नजारेकभी उदासी कभी मंथन सारे। बचपन के दिन याद…

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