बड़ा ही चंचल हूँ

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** मैंमनबड़ा हीचंचल हूँबदल जानामेरी आदत हैमौसम की तरहबदलती है प्रकृतिऔर मैं पवन के झोंकोंके साथ-साथ जगहजगह ललचाताघूमता रहताहूँ गतिशीलहोने से मैंकभी भीदु:खपालेताहूँ औरकभी सुखव कभी-कभीरुक जाता…

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बुजुर्ग

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** एक,अनजान-सीआहट ने मुझे,धक्का मारामैं दूर गिरा,उठ न सकालाचार आँखों से,देख न सका। मैंने पूछा,किसने मारामरे हुए को!वो गुर्राया,कुछ बड़बड़ायामैं पहचान गया था,अपने को। मैं कुछ बोल पाता,उसने…

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मन बड़ा बलवान

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** मन बड़ा बलबान,कभी तो लगता ईश्वर हैये कभी लगता शैतान,मन बड़ा बलवान है। लाख सम्भाला इसको बाँधा,फ़िर भी नहीं पकड़ में आताजतन किए कि बंधा…

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मन का फेर

डॉ. संगीता जी. आवचारपरभणी (महाराष्ट्र)***************************************** मन का मौसम है अपने ही मन का फेर,दूसरों को देखोगे तो हो ही जाएगा अंधेर। मन अपना, खुशी क्यों औरों से जोड़ते हो ?तोड़ने…

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मुझे रोना आता है…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** फटी बिवाई देख,मुझे रोना आता हैवो मजदूर है साहब,जिसे खोना आता है। अपने अरमानों को,दिल में छिपे ख्वाबों कोपसीने से लथपथ,आँख भिगोना आता है। चिलचिलाती धूप में,वो…

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जब मुकरता है…

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कोई वादे से जब मुकरता है।दिल पे तूफ़ान-सा गुज़रता है। दिल मचलता है आह भरता है।जब वो नज़रों से वार करता है। सिर्फ़ कहते हैं लोग…

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चली मेहंदी लगाने

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* सखी मैं तो चली मेहन्दी लगाने, जूड़ा बनाने,हाथों में कंगना, कजरा लगाने गजरा सजाने। सुनो सखी मैं जा रही हूँ, सोलह सिंगार करने,उम्र ढली तो क्या…

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परमात्मा के वादे

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)************************************************** संग हूँ जब मैं तुम्हारे, कुछ भी नहीं असम्भव,हाथ थाम लो मेरा, तब होगा सब कुछ सम्भव। याद करे जो मुझे निरन्तर, सुख ही वो पाएगा,जीवन…

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मन का कर सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* मन का मौसम कह रहा, मन का कर सम्मान।तभी पलेगा दोस्तों, हर पल मंगलगान॥ मन में हो यदि दिव्यता, जीवन बने महान।मन पाएगा नित्य ही,…

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रिश्ते-यक्ष प्रश्न

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** आज़ बातें चल रही है,रिश्ते-नाते पर तकरार हो रही हैरिश्ते कैसे हों ?यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है। ज़िन्दगी ने एक सवाल,का रूप धारण कर लिया हैइसलिए यहां…

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