मन दर्पन हम उजला कर लें

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** सोच को अपनी ऊँचा कर लें।मन दर्पन हम उजला कर लें॥ झूठ से दामन पाक रखें हम,चुग़ली बदी से दूर रहें हम।छोड़ के हर इक काम…

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कितना मुश्किल है…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ कितना मुश्किल है,मन के मौसम कोअपनी मौज में रखना,कितना मुश्किल हैसहज बने रहना,हर पल, विपल मेंस्थितप्रज्ञ होना। सत्य को अपने,हृदय में सहेज लेनाकितना मुश्किल है,शब्दों से…

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फ़िजा भी तरबतर

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मुहब्बत से फ़िजा भी तरबतर है,कहाँ जालिम छुपा तू बेखबर है। तलाश पनाह ढूंढे दिल ये भीगा,समेटे छाँव तू सारे किधर है। वसल की चाह हम डूबे…

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जीवनधारा बनी तुम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** अभिलाषा मन फुर्सत के पल,रहूँ साथ हमदम साथी बनरूप निहारूँ नज़र उतारूँ,प्रेम सरित कर लूँ अवगाहन। कैसे बीते अठ्ठाइस बरस,जीवन स्वर्णिम तन-मन अर्पणहर खुशियाँ…

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नदिया

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* शिव मस्तक पर बस रही, निर्मल नदिया धार।पापों को हरती सदा, पाते जीवन सार॥ नदियों के तट पर बसे, खुशियाँ पाते लोग।बहती निर्मल धार तो, करते पूजन…

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एक बल और एक भरोसा

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)************************************************** घटित हुई घटनाओं पर, ना करना खड़े सवाल,अपने पवित्र विचारों का, रखना हरदम ख्याल। विघ्नों के आने से कभी, जीवन चक्र ना रुकेगा,निश्चय बुद्धि वाला, किसी…

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प्रेम स्पर्श

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ पलक बांध,नयन सजलमन विकल,हृदय निश्छलप्रयास विफल। दृष्टि धूप,अधर ऊष्णवाणी शीतल,चाँद धवल। चाँदनी चंचल,कहीं सरलकहीं विरल,सी हो गई। प्रेम स्पर्श जो,मिला तुम्हारादेखो कितनी,हलचल-सी।तन-मन में,हो गई॥ परिचय-वंदना जैन की जन्म…

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करें विसर्जन

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** सृजनकर्ता का करें सर्जनवासना का करें विसर्जन,प्राण-प्रतिष्ठा कर मूरत कीसर्जनकर्ता करें विसर्जन। भिक्षु मांग रहा भिक्षा दर भिक्षु केकि 'मैं भिक्षुक' यह घोषणा कर भिक्षु से,यहां परिस्थितियों,…

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हलचल

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** मन का मौसम,आज सुहाना हैशिकायत करना तो,एक बहाना है। दिल में हलचल मची है,खुशियाँ पाने कीहर कोई आज,इसी का दीवाना है। याद आने लगा है,गुजरा हुआ पलपुलकित…

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छोड़ दो श्याम बंसी बजाना

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अब छोड़ दे श्याम बंसी बजाना,पनघट पर जाकर गीत गुनगुनानाबंसी की धुन से सबको बुलाना,अब छोड़ दो श्याम दिल लगाना। छोड़ दो हे श्याम सबको फंसाना,आधी-आधी…

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