छोटे बच्चे हैं हम..

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. कच्चे हैं हम,मगर सच्चे हैं हम, प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम… प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम। गुलशन में कितने ही रंग से खिले, माला में गुंथे बड़े अच्छे हैं हम। कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम॥ भारत की हम शान बनें, … Read more

उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. जिनके हैं माँ-बाप नहीं,बस क्रंदन है, उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन हैl भूखे प्यासे सड़कों पर दिख जाते हैं, रोटी कम,ठोकर ही ज्यादा खाते हैं मजदूरी करते रोजाना दिन-दिन भर, लेकिन खोटे सिक्के ही बस पाते हैंl ऊपर से मालिक का कितना … Read more

राष्ट्र एकता

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. आओ नन्हें-मुन्ने बच्चों, आओ प्यारे-प्यारे बच्चों। हम मिलकर सब ये कहें, राष्ट्र में एका रहे। राष्ट्र में एका रहे, प्रेम की धारा बहे॥ धर्म जातियता बहुत, फिर भी यह भारत एक है। राष्ट्रभाषा एक है और, एकता सबकी रहे। एकता सबकी रहे, राष्ट्र में एका … Read more

भविष्य हो विश्व के तुम ही

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. ओ लाल,मेरे लाल,सारे जग के बाल-गोपाल, रखना,तुम ही,मानवता को सम्भाल। ओ लाल…॥ भविष्य हो विश्व के तुम ही,मानवता के रखवाले, मिटने कभी न देना-२,मानवता के ये नाले। सदा ही सिंचित रखना,मानवता की जड़ों को, मानवता से ही दैत्यिक मिटाना बीहड़ों को। ओ लाल,मेरे … Read more

अपने तक सारे हैं सीमित

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** दिल छोटे,पर मक़ां हैं बड़े,सारे भाई न्यारे, अपने तक सारे हैं सीमित,नहीं परस्पर प्यारे। दद्दा-अम्मां हो गये बोझा, कौन रखे अब उनको! टूटे छप्पर रात गुज़ारें, परछी में हैं दिन को। हर मुश्किल से दद्दा जीते,पर अपनों से हारे, अपने तक सीमित हैं सारे,नहीं परस्पर प्यारे॥ मीठा बचपन भूल … Read more

प्रीत सरसे

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नेह की सौगा़त पाई, लग गया मन खिलखिलानेl ऋतु सुहानी सावनी में, पवन पुरवाई चली है‌l मेघ छाया कर रहे ज्यों, भीगते आँगन गली हैl मोर वन मन नाचते हैं, फिर चले कैसे बहानेl नेह की सौगात पाई, लग गया मन खिलखिलानेll गंध तन की भा रही ज्यों, गंध सौंधी सावनी-सीl … Read more

मेरा देश…मेरी पूजा…मेरा देव

डॉ.दिलीप गुप्ता घरघोड़ा(छत्तीसगढ़) ******************************************************** देश मेरा देव मेरा,साँस मेरी जान है…, नभ में लहराता तिरंगा,हिन्द का सम्मान है फहरता जब तक रहे,आज़ाद हिंदुस्तान है। तिरंगा हर भारतीय की जान है-अभिमान है, नभ में लहराता तिरंगा,हिन्द का सम्मान हैll हाथ में लेकर ध्वजा सीमा पे तन कर हैं खड़े, जां हथेली पर लिए,आंधी-तूफानों में…अड़े सम्मान माटी … Read more

हवा जहरीली

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** नन्हें-नन्हें बच्चों की भी,अब आँखें क्यूँ गीली हैं, सुर्ख हरे पौधों की पत्ती,हरी नहीं क्यूँ पीली है। पावन पुण्य पवन भोर का,कड़वा कड़वा लगता है, ऐसा क्या बस इसीलिये जो,आज हवा जहरीली हैll क्यूँ खराश है ग्रीवा में,क्यूँ जलन आँख में होती है, क्यूँ उपवन के आँगन में भी,घुटन साँस … Read more

सूर्य तुम्हें ही बनना है

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** नश्वर जग है आत्मदीप बन तुम्हें निरंतर जलना है, तम की घोर निशा के आगे सूर्य तुम्हें ही बनना है। करो साधना इष्टदेव की, पुण्य करो संचित केवल। स्वार्थ लोभ का त्याग करो तुम, ज्ञान भक्ति का ले संबल। भटक रहे हो जन्म-मरण के, चक्र का भेदन करना … Read more

आगे को नित बढ़ना होगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सकल दुखों को परे हटाकर,अब तो सुख को गढ़ना होगा, डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित बढ़ना होगाl पीर बढ़ रही,व्यथित हुआ मन, दर्द नित्य मुस्काता अपनाता जो सच्चाई को, वह तो नित दु:ख पाताl किंचित भी ना शेष कलुषता,शुचिता को अब वरना होगा, डगर भरी हो … Read more