ले जा तू सलाम मेरा

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** ससुराल से बेटी का सन्देश- पुरवइया जाना मेरे बाबुल के देश रे, ले जा रे सलाम मेरा ले जा सन्देश रे- थोड़ी धीमी-धीमी चलना,थोड़ी सहमी-सहमी…

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गीत प्यार के गाऊंगा

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* करवा चौथ मनाऊंगा, मैं गीत प्यार के गाऊंगा। मैं भी तो अपनी सजनी के, खूब लाड़ लड़ाऊंगा॥ करवा चौथ मनाऊंगा... जब जब उसको देखता हूँ, मन…

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तेरी पायल की झनकार

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हो गया दिवाना,देखा जबसे तुमको, ना रहा ठिकाना,भूल गया खुद को। करती मेरा दिल बेकरार, तेरी पायल की झनकार। चाँद-सा चेहरा तेरा, आँखों से…

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सिगरेट बोले रे…

राजेश पड़िहार प्रतापगढ़(राजस्थान) *********************************************************** (रचना शिल्प:तर्ज-झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में) सिगरेट बोले रे,जीवन की मंझधार में,सिगरेट बोले रे..., चाचा आओ ताऊ आओ,छत पर लो सुलगाओ, जी कर क्या…

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करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा…

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मानव मूल्य कहाँ बच पाए…

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** स्वार्थ परस्ती में बोलो अब, 'मानव मूल्य कहाँ बच पाए', मानव तो कहलाते हैं पर,मानवता हम कब रच पाए। नारी के शोषण पर बोलो,क्या आँखें…

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झिझक

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** झिझक मेरी,झिझक उसकी, सिले लब,ना हुई बातें, तसव्वुर में,फिर इक-दूजे से, बतियाते कटी रातेंl किया वादा ये खुद से खुद ही, कि मैं अब…

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ऐसा मुझे वर दे

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हँसता हुआ मनभावन चेहरा। तू जग पाला तू ही सहारा। दुखियों के दुःख हरने वाली तू, अम्बे माँ...अम्बे माँ, ग़ौरी माँ...गौरी माँ। पहले मेरे…

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बनाओ सबको अपना मीत

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* जीवन है सबका संगीत, बनाओ सबको अपना मीत। बचपन कितना सुंदर होता, कल्मष कभी न मन में बोता। हर क्रीड़ा लगती है मानो, बन रहा…

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व्यर्थ न बहाओ पानी,ओ रे सजन….

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* जल शक्ति,जन शक्ति, व्यर्थ न बहाओ पानी,ओ रे सजनl पानी से ही जीवन बने सुंदर वन, जन्म हुआ पृथ्वी का ताप ही ताप…

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