आज तो सावन आया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावन आया मन रहा, बूंदों का त्योहार।मौसम को तो मिल गया, क़ुदरत का उपहार॥क़ुदरत का उपहार, दादुरों में खुशहाली।खेतों में मुस्कान, सिंचाई है मतवाली॥मेघों का उपकार,…

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‘हिन्दी’ दिवस पर अभिनन्दन-अलंकरण हेतु आवेदन आमंत्रित

प्रयागराज (उप्र)। 'हिंदी दिवस' (१४ सितंबर २०२३) को प्रयागराज की ५ साहित्यिक संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से हिंदी साहित्यकारों कवियों, लेखकों, और पत्रकारों का सम्मान करके अभिनंदन पत्र भेंट किया…

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चमक

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६, १७ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२२२२, ३३२, २३३ बम बम भज…

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नीर की महिमा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नीर की महिमा जानें आप।धरा का सहे निरंतर ताप॥श्रेष्ठ जल ही बस है आधार।समझ ले इसका क्या है सार॥ व्यर्थ न कभी करें बर्बाद।करें दीनों को हरपल…

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अलग पहचान बनाने में सक्षम हैं सुनीता मिश्रा की लघुकथाएँ

पटना (बिहार)। आज सोशल मीडिया पर लघुकथाओं की उपस्थिति के कारण इसकी पहुंच विश्व के किसी भी कोने में रह रहे पाठकों के बीच आसानी से हो गई है, साथ…

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‘अमेरिका’ भारत का दोस्त है या साहूकार ?

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* साहूकार को हमेशा कर्ज़दार अधिक प्यारा लगता है। कारण उसके कारण कर्ज़दार उसके प्रति वफादार होता है और उसकी आय का जरिया होता है। दोस्ती में सिर्फ चाय-पानी…

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नुपुर

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* मैं नुपुर हूँ,मैं बजती रहती हूँबजना ही मेरा काम हैकभी अपनों के बीच,कभी गैरों के बीचकभी मैं स्वयं बजती हूँ,कभी बजाई जाती हूँ। क्या…

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प्यार के बदले प्यार ही लेते

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** सावन पावन-मन भावन... क्या उनको खबर नहीं है !आया है ये पावन सावनआया बहार लेकर फिर भी,सूना है मेरे मन का आँगन । हर शय पर है…

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तुम, मैं और बरसात

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* तुम और बरसात,दोनों ही एक जैसेयादों मे बरसते रहते हो,कभी रिमझिम…कभी मूसलधार,दिल को पिघला देने वालेकभी प्रेम से सर्द,कभी आँखों की पलकेंभीगी उफनती हुई…,नदियों जैसे…। भीगा…

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मुदित होता मन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तारीफ़ मुदित होता है मन, उल्लास हृदय महकता है,बढ़ता उमंग पौरुष चितवन, उत्साह उदय मुस्काता हैसाजन वियोग ज्वाला अनंत, आगम सावन मिट जाता है,आनंद…

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