हिंसक राजनीति-लोकतंत्र पर बदनुमा दाग

ललित गर्गदिल्ली************************************** राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को हिंसक प्रतिस्पर्धा में नहीं बदला जा सकता, लोकतंत्र का यह सबसे महत्वपूर्ण पाठ पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों को याद रखने…

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देश-विदेश में हिन्दी का प्रतिष्ठापन हो

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** पृथ्वी के विराट रूप की कल्पना में जहाँ ओ$म की ध्वनि प्रतिध्वनित होती है, वह क्या है। हम लोगों की एक-दूसरे के प्रति भावनाओं का आदान-प्रदान ही…

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सुख का समन्दर

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** दुनिया की रीत है,मीठा-सा संगीत हैमाँ-बाप की अहमियत,अद्भुत व अलौकिक श्रंगार हैसबसे सुन्दर है रूप-रंग में,पृथ्वी पर ईश्वरीय उपहार है। खूबसूरती का एक उन्नत व,अपूर्व व बेहतरीन प्रतीक हैसूर्य…

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कर्मफल दाता

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शरण में आ गई हूँ मैं, हे कर्मफल के महादानी दाता,चरण वन्दना करती हूँ मैं, स्वीकार करिए हे विधाता। अज्ञानी मूरख नार, धर्म-कर्म कुछ नहीं जानती…

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सपना मूलचंदानी ‘आराधना साहित्य रत्न अवार्ड’ से सम्मानित

आगरा (उप्र)। 'सीढ़ियां कामयाबी की चढ़ते हुए, मैं बहुत से दिलों से उतरती रही। और जो वफादार नहीं हो सकता, वो मेरा यार नहीं हो सकता॥' जैसे शेरों से ख्याति…

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सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए आँचलिक कहानियों का सृजन जरूरी

पटना (बिहार)। कहानी गद्य साहित्य की सबसे लोकप्रिय विधा है, जो जीवन के किसी विशेष पक्ष का मार्मिक, भावात्मक एवं कलात्मक वर्णन करती है। हमें ज्ञात है कि कहानी हिन्दी…

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संदेश

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** उठो करो सतकर्म यही,सन्देश हमारा हैसद्प्रवृत्ति संवर्द्धन का,उद्देश्य हमारा है। कर्मठता के अमृत रस का,जग को पान कराओगौरव वान राष्ट्र की अपने,कीर्ति लता लहराओ।नेह नदी के पावन…

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हुस्न की फिजा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** हुस्न की फिजा ज़रा,नीची रखिएआजकल दरख्तों के साए में,जुगनू बसते हैं। जहां दिखाई दे रही हैं,मखमली चादरदरअसल उस जगह परकाँटे बिछते हैं। छिपा है दिल में कोई…

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हम पहनावे से आधुनिक माने जाएंगे या सोच से!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* वैसे खान-पान, पूजा-पाठ कपड़ा पहनना ये सब व्यक्तिगत-निजता है, इसमें किसी को कोई विवाद-तर्क-समझाइश देने या करने की जरुरत नहीं है, पर जब मर्यादाओं की सीमाओं का उल्लंघन…

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सम्मान संग हुआ काव्य पाठ

महू (मप्र)। अभा काव्य मंजूषा साहित्य वल्लरी के तत्वावधान में रितेश व्यास (प्रबंधक-चौपाल सागर) के स्थानांतरण पर विदाई समारोह चौपाल सागर (गवली पलासिया) पर रखा गया। साहित्य प्रेम और उनके…

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