प्रचार

डॉ. बालकृष्ण महाजननागपुर ( महाराष्ट्र)*********************************** चुनावी कुरुक्षेत्र में,प्रचार का आखिरी दिन आयासभी पार्टियों की,प्रचार तोपेंबंद हो गई।अब बाकी थी,कत्ल की रातविरोधी पार्टी ने,गलत प्रचार काफंडा अपनायादूसरों के नाम सेरूपए और…

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मतलब की यारी

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया में मतलब की है यारी,अपना मतलब सब पर भारीजिसमें चले ना कोई भी यारी,उसे कहते हैं सभी दुनियादारी। साधना हो जब अपना मतलब,सब…

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परचम लहराना है

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वर्तमान के विश्व पटल पर,अहिंसा का परचम लहराना हैवर्धमान के साथ आगे बढ़ते जाना है,प्रभु के उपदेशों को हमें जग में ले जाना है'जियो और…

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राघव जी हैं सरलता के कायल

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)********************************************* मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसलिए, सामान्य परिस्थिति में मनुष्य को अपना जीवन जीने के लिए अनेक तरह की परिस्थितियों से गुजरना होता है और वे…

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पूर्ण हुई मंशा सकल

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** तिलक किया है सूर्य ने, राम ललाम ललाट,किरणों के अभिषेक से, हँसे भुवन सम्राट। नवमी तिथि शुभ चैत में, मंद- मंद मुस्कान,शोभा अद्भुत पा रहा, सुन्दर रूप…

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नगरी हो अयोध्या-सी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नगरी हो अयोध्या-सी,जहाँ राम का वास होघण्टियों, शंखों का जहाँ,सुमधुर ध्वनियों का नाद होमेरे राम सदा हृदय बसे,बस इतना-सा मीठा ख्वाब हो। ध्वज सदा लहराए,कीर्तन एकसाथ होमंगल…

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माँ कालरात्रि देवी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कालरात्रि माँ भवानी, महिमा अपरंपार।धूप दीप नैवेद्य से, माता का दरबार॥ कालरात्रि माँ सप्तमी, पावन दिन नवरात्र।महाकाल जगदम्बिके, मुण्डमाल चहुँ गात्र॥ चामुण्डा माँ चण्डिका,…

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व्यंग्य यात्रा सम्मान घोषित

दिल्ली। 'व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति शीर्ष सम्मान' अरविंद तिवारी और सुरेश कांत को मिलेगा। यह सम्मान समारोह ९ मई को दिल्ली के हिंदी भवन में होगा।यह जानकारी रणविजय राव…

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माँ की कृपा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** माँ की कृपा बड़ी निराली है,करो समर्पणफिर जिंदगी में खुशहाली है,भले ही माँ भूखी रह जाती हैमुझे आई तृप्ति की डकार से माँ संतुष्ट हो जाती है।…

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संस्कार फटे क्यों है ?

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** संस्कार तेरे ये फटे क्यों है,चहरे पे उलझी लटें क्यों है ? क्या बेच खाई शर्म-हया!मानवता के बीज घटे क्यों है ? अफसोस अभी तक ग़म नहीं,बीच…

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