अर्थहीन पुरुषत्व धरा पर
कैलाश भावसार बड़ौद (मध्यप्रदेश) ************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… अर्थहीन पुरुषत्व धरा पर,यदि साथ नहीं नारी है, नहीं अर्थ जग की माया का,भले संपदा सारी है। अर्धनारी ईश्वर बन शिव में,माँ गौरा ही समाई है, विष्णु प्रिया लक्ष्मी माता,समृद्धि लेकर आई है। शक्ति स्वरूपा ने जगदीश्वर,की सत्ता ही संवारी है, अर्थहीन पुरुषत्व…॥ धन्य तुम्हारा … Read more